Friday, November 22, 2024
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UN में इस मुद्दे पर हारा इजरायल, अमेरिका भी नहीं कर सका मदद; अब गाजा में नेतन्याहू की बढ़ सकती है मुश्किल

इजरायल-हमास युद्ध लगातार जारी है। इजरायली सेना गाजा पर जमीनी और हवाई अभियान चला रही है। भारी संख्या में हमास आतंकियों को इजरायल ने मार गिराया है। अब शिफा हॉस्पिटल में हमास के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच गाजा में सीजफायर के मुद्दे पर इजरायल को संयुक्त राष्ट्र में हार का सामना करना पड़ा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: November 16, 2023 12:44 IST
संयुक्त राष्ट्र (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP संयुक्त राष्ट्र (प्रतीकात्मक फोटो)

हमास के हमलों के बाद इजरायली सेना का पलटवार गाजा पर लगातार जारी है। इजरायली सेना ने हमास आतंकियों के छक्के छुड़ा दिए हैं। अब तक गाजा पर इजरायली हमले में हमास के हजार से ज्यादा बड़े आतंकी मारे जा चुके हैं। हमास के ज्यादातर कमांडरों को भी इजरायली सेना ने मार गिराया है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और भारत जैसे देश इस युद्ध में इजरायल के साथ खड़े हैं। यह सभी देश हमास का खात्मा चाहते हैं। अमेरिका ने तो हमास के खात्मे के लिए इजरायल को भारी-भरकम रक्षा पैकेज भी दिया है। इन सबके बीच इजरायल के लिए एक बुरी खबर है। दरअसल इजरायल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मुद्दे पर बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। अमेरिका भी इस मुद्दे पर इजरायल का साथ नहीं दे सका। इस हार के बाद अब गाजा में नेतन्याहू को अपने अभियाने के मद्देनजर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गाजा में इजरायल के जमीनी और हवाई हमलों के बीच फलस्तीन के आम नागरिकों की बढ़ती मुश्किलों को कम करने के लिए ‘‘तत्काल तथा विस्तारित मानवीय संघर्ष विराम’’ की मांग वाला एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इसे संयुक्त राष्ट्र ने अंगीकार कर लिया है। इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंगीकार किया गया यह पहला प्रस्ताव है। हालांकि इजरायल ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बावजूद इजरायल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र उसे गाजा में संघर्ष विराम के लिए मजबूर कर सकता है। 

इजरायल के विपक्ष में पड़े 12 वोट

पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े। इस मुद्दे पर अमेरिका ने भी इजरायल का साथ नहीं दिया। मतदान में अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने दूरी बनाए रखी। इस प्रस्ताव में हमास की ओर से सात अक्टूबर को इजरायल पर अचानक किए गए हमले की निंदा नहीं किए जाने पर अमेरिका और ब्रिटेन ने इससे दूरी बनाई। प्रस्ताव में मानवीय संघर्ष विराम और ‘‘हमास तथा अन्य समूहों द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई’’ की मांग संबंधी भाषा को नरम रखा गया है।

हालांकि माल्टा द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव उन गंभीर मतभेद को दूर करने में कामयाब रहा जिनके कारण परिषद पिछले चार प्रस्तावों को अंगीकार नहीं कर सका था। संयुक्त राष्ट्र में माल्टा की राजदूत वैनेसा फ्रैज़ियर ने कहा, ‘‘आज हमने एक महत्वपूर्ण पहला कदम हासिल किया है। हम सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की सुरक्षा और बच्चों की पीड़ा को दूर करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे। ​ (एपी) 

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