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मंगल ग्रह पर वैज्ञानिकों को मिली अब तक की सबसे बड़ी सफलता, सतह पर खोजा पानी का भंडार

वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर पानी का विशाल भंडार होने का पता लगाया है। यह वैज्ञानिकों की अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के एक क्रिस्टल से पता लगाया है कि ग्रह के निर्माण के समय से ही उस पर पानी मौजूद है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 24, 2024 18:35 IST, Updated : Nov 24, 2024 18:56 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : REUTERS प्रतीकात्मक फोटो

पर्थ: मंगल ग्रह पर वैज्ञानिकों को इतिहास की सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी है। वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर उस पानी को खोज लिया है, जिसकी उसे सैकड़ों वर्षों से तलाश थी। वैज्ञानिकों की इस बड़ी खोज के बाद अब मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना बढ़ गई है। जिस तरह पृथ्वी पर पानी सर्वत्र मौजूद है। पृथ्वी की सतह का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है। पानी हवा में, सतह पर और चट्टानों के अंदर मौजूद है। भूगर्भीय साक्ष्य बताते हैं कि लगभग 4.3 अरब साल पहले से पृथ्वी पर पानी मौजूद रहा है। मगर मंगल ग्रह पर पानी का इतिहास बहुत अनिश्चित रहा है।

मंगल ग्रह पर यह निर्धारित करना कि पानी पहली बार कब, कहां और कितने समय तक दिखाई दिया, ये सभी ज्वलंत प्रश्न हैं जो मंगल ग्रह पर खोज को आगे बढ़ाते हैं। यदि मंगल ग्रह पर कभी जीवन संभव था, तो कुछ मात्रा में पानी की आवश्यकता वहां रही होगी। हमने मंगल ग्रह से आए उल्कापिंड में मौजूद खनिज जिरकोन का अध्ययन किया और पाया कि 4.45 अरब साल पहले जब जिरकोन क्रिस्टल बना था, तब वहां पानी मौजूद था। साइंस एडवांसेज पत्रिका में आज प्रकाशित हमारे नतीजे मंगल ग्रह पर पानी के सबसे पुराने सबूत पेश कर सकते हैं।

4.5 अरब वर्ष पहले मंगल ग्रह का हुआ था निर्माण

लाल ग्रह था आद्र यह लंबे समय से माना जाता रहा है कि मंगल ग्रह के आरंभिक इतिहास में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अपने परिणामों को व्यापक संदर्भ में रखने के लिए, आइए सबसे पहले विचार करें कि मंगल ग्रह के भूवैज्ञानिक समय-सीमा के संदर्भ में ‘‘प्रारंभिक मंगल’’ का क्या अर्थ है, और फिर मंगल ग्रह पर पानी की खोज के विभिन्न तरीकों पर विचार करें। पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह का निर्माण भी लगभग 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था। मंगल ग्रह के इतिहास में चार भूवैज्ञानिक काल हैं। ये हैं अमेजोनियन (आज से तीन अरब वर्ष पहले तक), हेस्पेरियन (तीन अरब से 3.7 अरब वर्ष पहले), नोआचियन (3.7 अरब से 4.1 अरब वर्ष पहले) और प्री-नोआचियन (4.1 अरब से लगभग 4.5 अरब वर्ष पहले)।

पहली बार 1970 में मिले थे मंगल पर पानी के सबूत

मंगल ग्रह पर पानी के सबूत पहली बार 1970 के दशक में मिले थे, जब नासा के मेरिनर 9 अंतरिक्ष यान ने मंगल ग्रह की सतह पर नदी घाटियों की तस्वीरें खींची थीं। बाद में मार्स ग्लोबल सर्वेयर और मार्स एक्सप्रेस सहित ऑर्बिटल मिशन ने सतह पर ‘हाइड्रेटेड क्ले मिनरल्स’ की व्यापक मौजूदगी का पता लगाया। इनके लिए पानी की जरूरत होती है। मंगल ग्रह की नदी घाटियां और मिट्टी के खनिज मुख्य रूप से नोआचियन इलाकों में पाए जाते हैं, जो मंगल के लगभग 45 प्रतिशत हिस्से को अच्छादित करते हैं। इसके अलावा, ऑर्बिटर्स ने हेस्पेरियन इलाकों में बड़ी बाढ़ नालियों का भी पता लगाया जिन्हें ‘आउटफ्लो चैनल’ कहा जाता है। ये सतह पर पानी की अल्पकालिक उपस्थिति का संकेत देते हैं, शायद भूजल से निकले जल से। मंगल ग्रह पर पानी से संबंधित जल की अधिकतर रिपोर्ट में तीन अरब साल से भी पुरानी सामग्री या भूभाग में मौजूदगी के संकेत हैं।

मंगल पर कब-कब मिला पानी

हाल ही में, मंगल ग्रह पर स्थिर तरल पानी के ज्यादा सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन प्री-नोआचियन के दौरान क्या हुआ? मंगल ग्रह पर पहली बार पानी कब दिखाई दिया? प्री-नोआचियन मंगल ग्रह की एक झलक। मंगल ग्रह पर पानी की खोज के तीन तरीके हैं। पहला तरीका है सतह पर परिक्रमा करने वाले अंतरिक्ष यान द्वारा किए गए अवलोकनों का उपयोग करना। दूसरा तरीका है जमीन पर आधारित अवलोकनों का उपयोग करना, जैसे कि मंगल रोवर द्वारा किए गए अवलोकन। तीसरा तरीका है पृथ्वी पर गिरे मंगल ग्रह के उल्कापिंडों का अध्ययन करना, जो हमने किया। वास्तव में, हमारे पास अध्ययन के लिए उपलब्ध एकमात्र प्री-नोआचियन सामग्री मंगल ग्रह से आए उल्कापिंडों में पाई जाती है। पृथ्वी पर गिरे सभी उल्कापिंडों में से कुछ हमारे पड़ोसी ग्रह से आए हैं। इन उल्कापिंडों का एक और भी छोटा समूह, जिसके बारे में माना जाता है कि वह मंगल ग्रह से एक ही क्षुद्रग्रह के टकराने के कारण निकले थे, में प्री-नोआचियन सामग्री मौजूद हैं।

मंगल ग्रह पर मौजूद है महासागर

यह भी संकेत किया गया था कि मंगल पर 4.45 अरब वर्ष पहले एक प्रारंभिक वैश्विक महासागर हो सकता है। हमारे अध्ययन से वृहद तस्वीर यह है कि मैग्माटिक हाइड्रोथर्मल प्रणालियां 4.45 अरब वर्ष पहले मंगल ग्रह की सतह के प्रारंभिक निर्माण के दौरान सक्रिय थीं। यह स्पष्ट नहीं है कि इसका अभिप्राय यह है कि इस समय सतह पर पानी स्थिर था, लेकिन हमें लगता है कि यह संभव है। यह स्पष्ट है कि मंगल की सतह पर, पृथ्वी की तरह, इसके बनने के कुछ समय बाद ही पानी था - जो रहने के लिए एक आवश्यक घटक है। (द कन्वरसेशन)

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