एक रिपोर्ट में के मुताबिक जब से सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान सत्ता में आए हैं, मृत्युदंड की सज़ा लगभग दोगुनी हो गई है। एक्टिविस्ट समूहों का कहना है कि क्राउन प्रिंस के राजनीतिक विरोधी 'परिवर्तन' के लिए एकमुश्त दमन और असंतोष के लिए शून्य सहिष्णुता के रूप में भारी कीमत चुका रहे हैं। बिन सलमान ने देश के व्यापारिक घरानों, उद्योगपतियों और धनी परिवारों को असाधारण शक्तियां दी हैं। दअसल, बिन सलमान एक सुधारवादी और शासक के रूप में दुनिया के सामने अपनी छवि पेश करने की कोशिश करते हैं जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता के साथ-साथ आधुनिकीकरण पर भी जोर देता है। इसके बावजूद मुसलमानों में मौत की सजा कम होने की बजाय बढ़ गई है। पिछले साल सऊदी अरब में मौत की सजा पाए लोगों की संख्या 2021 की तुलना में दोगुनी थी।
इतने लोगों को दी गई फांसी
पिछले छह वर्षों में, जब बिन सलमान ने देश का नेतृत्व किया, हाल के इतिहास में किसी भी अन्य वर्ष की तुलना में सरकारी आदेशों पर अधिक मौतें हुई हैं। 2015 से 2022 के बीच हर साल औसतन 129 को फांसी दी गई। यह आंकड़ा 2010-14 की अवधि से 82 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पिछले साल 147 लोगों की मौत हुई थी। उनमें से 90 ऐसे अपराध थे जिन्हें अहिंसक माना जाता था।
इतने लोगों का सिर कलम किया गया
पिछले साल 12 मार्च को 81 लोगों को मौत की सजा दी गई थी। यह अब तक की गई मौत की सजा की सबसे बड़ी संख्या थी। सऊदी अरब में फांसी के अलावा सिर कलम कर भी लोगों को मौत के घाट उतारा जाता है। अक्सर ऐसी हैवानियत दुनिया के सामने इसलिए नहीं आती क्योंकि अरब देश में स्वतंत्र मीडिया नहीं है। सऊदी अरब को इस क्षेत्र में सबसे अधिक मौत की सजा वाले देशों में से एक माना जाता है।
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