मास्को: रूस के सैन्य जनरल स्टाफ के एक उप प्रमुख को बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मीडिया में चली खबरों के बाद इस तरह की जानकारी सामने आई है। लेफ्टिनेंट जनरल वादिम शमारिन की गिरफ्तारी इस सप्ताह यूक्रेन में रूस के पूर्व शीर्ष कमांडर मेजर जनरल इवान पोपोव की रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हुई है। गिरफ्तार किए गए शमारिन रक्षा मंत्रालय के मुख्य संचार निदेशालय के प्रमुख भी थे।
लगातार हुई है कार्रवाई
रूसी समाचार एजेंसियों ने एक सैन्य अदालत का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें दो महीने के लिए हिरासत में रखा गया है, लेकिन मामले के अन्य विवरण नहीं बताए गए हैं। इससे पहले, इसी साल अप्रैल में, रक्षा उप मंत्री तैमूर इवानोव को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इवानोव सर्गेई शोइगु के करीबी सहयोगी थे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी महीने शोइगु को रक्षा मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया था। शोइगु को हटाए जाने के दो दिन बाद रक्षा मंत्रालय के कार्मिक निदेशालय के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल यूरी कुजनेत्सोव को रिश्वतखोरी के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया था।
'सेना के खिलाफ अभियान नहीं'
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि रक्षा अधिकारियों की गिरफ्तारी का यह संकेत नहीं है कि यह सेना के खिलाफ अभियान है। पेसकोव ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई एक सतत कार्य है, यह कोई अभियान नहीं है। यह लगातार चलता रहता है। यह हमारे कानून प्रवर्तन एजेंसियों की गतिविधि का अनिवार्य हिस्सा है।’’ यूक्रेन के साथ लड़ाई में कीव पर जल्दी कब्जा करने में रूस की विफलता के लिए शोइगु को व्यापक रूप से दोषी ठहराया गया था और निजी सेना के कमांडर येवगेनी प्रिगोझिन ने उन पर अक्षमता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। प्रिगोझिन ने जून 2023 में शोइगू को हटाने और सेना प्रमुख जनरल वेलेरी गेरासिमोव को हटाने की मांग करते हुए विद्रोह कर दिया था। (एपी)
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