Highlights
- कैदियों को यूक्रेन युद्ध में भाग लेने की पेशकश
- बदले में युद्ध के बाद कैदियों को दिया जाएगा क्षमादान
- रूस की सेना छोड़ रहे हैं वहां के सैनिक
Russia-Ukraine War: यूक्रेन से युद्ध में रूस को लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है। रूस में सैनिकों की भर्ती को छुपाया जा रहा है। इस युद्ध में रूस के कई सैनिक सेना की नौकरी छोड़ रहे हैं या तो वह यूक्रेन के साथ युद्ध करने से मना कर रहे हैं। ऐसे में रूस अपनी सेना में सैनिकों की कमी को पूरा करने के लिए कैदियों का भी इस्तेमाल कर रहा है। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग जेल में अधिकारी दौरा करने आने वाले थे। कैदियों को उम्मीद थी कि अधिकारी हर बार की तरह मुआयना कर के चले जाएंगे। लेकिन उस दिन जेल में सेना की वर्दी पहने हुए कुछ लोग आए और उन्होंने कैदियों के सामने सेना में भर्ती होने को कहा और बदले में उनकी सजा माफ करने की पेशकश की। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि यदि जो भी कैदी यूक्रेन से युद्ध के लिए सेना में भर्ती होता है तो उसे क्षमा दान दिया जाएगा। एक महिला ने बताया कि कुछ दिन बाद करीब एक दर्जन कैदी जेल से चले गए। इस महिला का प्रेमी उस जेल में बंद था। नाम न बताने की शर्त पर महिला ने बताया कि उसका प्रेमी उन स्वयंसेवियों में शामिल नहीं था, हालांकि अभी उसकी कई साल की सज़ा अभी बाकी है।
रूस की सेना छोड़ रहे सैनिक -वकील एलेक्सी ताबलोव
विधि सहायता समूह ‘कॉन्स्क्रिप्ट्स स्कूल’ का संचालन करने वाले वकील एलेक्सी ताबलोव ने कहा कि वे देख रहे हैं कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो युद्ध क्षेत्र छोड़ना चाहते हैं और इनमें वे भी शामिल हैं जो लंबे वक्त से युद्ध क्षेत्र में हैं और जिन्होंने हाल में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। ताबलोव ने कहा कि समूह को बड़ी संख्य में ऐसे व्यक्तियों से आवेदन मिल रहे हैं जो अपना अनुबंध खत्म कराना चाहते हैं और “ मुझे निजी तौर पर लगता है कि कई लोग भागने को भी तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय उन लोगों को खोज रहा है जिन्हें वह सेवा के लिए राजी कर सकता है। ताबलोव ने कहा कि सैनिक अपने अनुबंध को खत्म कर सकते हैं और इसकी स्वीकृति उन्हें उनके कमांडर देंगे। युद्ध की स्थिति में कोई भी कमांडर ऐसी कोई मंजूरी नहीं देगा क्योंकि अगर वे ऐसा करेंगे तो जंग के लिए सैनिकों की कमी हो सकती है।
रूस ने ‘स्वयंसेवक बटालियन’ से एक आर्मी तैयार की है
क्षेत्रीय प्रशासन ‘स्वयंसेवक बटालियन’ बना रहे हैं जिसका प्रचार सरकारी टीवी पर किया गया है। नौकरी संबंधी वेबसाइट पर विभिन्न सैन्य विशेषज्ञों के लिए हजारों नौकरियां देखी हैं। हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों को जुटाने की किसी भी गतिविधि से इनकार किया है। ब्रिटिश सेना ने इस हफ्ते कहा था कि रूस ने ‘स्वयंसेवक बटालियन’ से एक अहम जमीनी बल गठित किया है जिसे तृतीय सेना कोर नाम दिया गया है। हालांकि युद्ध शुरु होने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी जेल में बंद पूर्व सैनिकों से वादा किया था कि अगर वे युद्ध में लड़ेंगे तो उन्हें क्षमा दान दिया जाएगा।