Highlights
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में ईरान का साथ देगा रूस
- अगले हफ्ते ईरान की सैटेलाइट होगी लॉन्च
- ईरान की सैटेलाइट ऑर्बिट में पहुंचाएगा रूस
Iran Satellite: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तेहरान यात्रा के दो हफ्ते बाद दोनों देशों ने घोषणा की है कि रूस ईरान की एक सैटेलाइट को मंगलवार को लॉन्च करेगा। ईरान की रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में भेजेगा। वह खय्याम सैटेलाइट को अगले सप्ताह कजाकिस्तान के बैकोनूर अंतरिक्ष स्टेशन से सोयुज सैटेलाइट कैरियर से लॉन्च किया जाएगा, ईरानी अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार देर रात इस बात की घोषणा की है। एजेंसी के अनुसार, सैटेलाइट का नाम कथित तौर पर फारसी पोलीमैथ उमर खय्याम के नाम पर रखा गया है।
यह "देश की सीमाओं पर नजर रखने", कृषि उत्पादन में सुधार करने और पानी की आपूर्ति और प्राकृतिक आपदाओं पर नजर रखने के लिए लॉन्च की जा रही है। रूस की सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार, ये लॉन्च मंगलवार को होने वाला है। एजेंसी ने घोषणा की है कि एक सोयुज 2.1B रॉकेट 9 अगस्त, 2022 को बैकोनूर कोस्मोड्रोम से लॉन्च होगा, "जो इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के अनुरोध पर खय्याम रिमोट सेंसिंग उपकरण को कक्षा (पृथ्वी की कक्षा में) में स्थापित करेगा।"
रायसी और खामेनेई से मिले थे पुतिन
इस लॉन्च की घोषणा 19 जुलाई को पुतिन की ईरान यात्रा के बाद हुई है, इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और अयातुल्ला अली खामेनेई से मुलाकात की थी। पुतिन के साथ अपनी चर्चा में खामेनेई ने रूस के साथ "दीर्घकालिक सहयोग" को मजबूत करने का आग्रह किया था। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, यह सैटेलाइट विभिन्न प्रकार की तस्वीरें ले सकती है। रूस के स्पेसपोर्ट कॉस्मोड्रोम प्लेसेट्स्क (Kosmodrom Plesetsk) ने ईरान की सिना-1 सैटेलाइट को लॉन्च करने की जिम्मेदारी ली है। जिसे पृथ्वी पर शोध और निरीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया था।
पहले दावों का किया था खंडन
पुतिन ने जून 2021 में अमेरिकी मीडिया द्वारा किए गए दावों का खंडन किया कि रूस ईरान को एक सैटेलाइट प्रणाली देगा। जो उसकी जासूसी करने की क्षमता को बढ़ाएगी। ईरान का कहना है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय समझौते या ईरान और वैश्विक शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि इसका मुख्य रूप से रक्षा और नागरिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
ईरान को लेकर पश्चिमी देश चिंतित
पश्चिमी देशों को चिंता है कि सैटेलाइट लॉन्च सिस्टम में ऐसे घटक होते हैं, जिनका उपयोग बैलिस्टिक मिसाइलों में परस्पर रूप से किया जा सकता है। ये परमाणु हथियार पहुंचा सकते हैं। हालांकि ईरान इन्हें विकसित करने की लगातार कोशिशों से इनकार कर रहा है। अप्रैल 2020 में ईरान ने अपनी पहली सैन्य सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जिसकी अमेरिका ने कड़ी आलोचना की थी। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने मार्च में घोषणा की थी कि Nour-2 सैन्य "टोही सैटेलाइट" को सफलतापूर्वक कक्षा में लॉन्च किया गया है।