Russia Zaporizhzhia Nuclear Plant Attack: रूस और यूक्रेन के बीच बीते दो वर्षों से भी अधिक समय से जंग जारी है और इसके थमने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच कुछ ऐसा हुआ है जिससे पूरी दुनिया की चिंता बढ़ गई है। रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने जापोरिज्जिया न्यूक्लियर प्लांट पर ड्रोन से हमला किया है। अंतरराष्ट्रीय एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने भी इस हमले को घातक बताया है। IAEA की तरफ से कहा गया है कि न्यूक्लियर प्लांट के पास ड्रोन हमला खतरनाक कृत्य है।
यह गंभीर घटना है
अंतरराष्ट्रीय एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने एक अलग बयान जारी कर एक रिएक्टर समेत संयंत्र पर ड्रोन हमलों का असर होने की पुष्टि की है। IAEA ने कहा, ‘‘इकाई छह में हुए नुकसान के कारण परमाणु सुरक्षा को खतरा पैदा नहीं हुआ, लेकिन यह एक गंभीर घटना है जिससे रिएक्टर की रोकथाम प्रणाली के कमजोर होने की आशंका है।’’
रूस ने क्या कहा?
हमले को लेकर रूस के नियंत्रण वाले जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के अधिकारियों ने कहा है कि रविवार को यूक्रेनी सेना के ड्रोन से संयंत्र पर हमले किए गए जिनमें संयंत्र की छठी विद्युत इकाई के गुंबद पर किया गया हमला भी शामिल है। संयंत्र के अधिकारियों ने कहा था कि इस घटना में कोई बड़ी क्षति नहीं हुई और कोई हताहत भी नहीं हुआ। हमले के बाद संयंत्र में विकिरण का स्तर सामान्य बना रहा लेकिन बाद में रविवार को रूसी परमाणु एजेंसी ‘रोसाटॉम’ ने कहा कि ‘‘अप्रत्याशित ड्रोन हमलों’’ में तीन लोग घायल हुए हुए हैं।
सुरक्षा को खतरा
अंतरराष्ट्रीय एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने रविवार को कहा था कि उसके विशेषज्ञों को ड्रोन हमले की सूचना दी गई है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख राफेल मरियानो ग्रोसी ने इस तरह के हमलों की वजह से सुरक्षा को होने वाले खतरों को लेकर चेताया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं इस तरह की कार्रवाइयों से बचने का अनुरोध करता हूं जो आईएईए के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और परमाणु सुरक्षा को प्रभावित करती हैं।’ ग्रोसी नेृ कहा कि रूस नियंत्रित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के छह परमाणु रिएक्टर में से एक पर किए गए ड्रोन हमले के कारण ‘‘बड़ी परमाणु दुर्घटना होने का खतरा काफी बढ़ गया है।’’ ग्रोसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक बयान में इस बात की पुष्टि की है कि जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की मुख्य रिएक्टर नियंत्रण संरचनाओं पर कम से कम तीन प्रत्यक्ष हमले हुए। उन्होंने कहा कि नवंबर 2022 के बाद यह पहला ऐसा हमला था। (एपी)
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