इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC ने यूक्रेन में कार्रवाई को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। इस पर अब रूस की सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी चेयरमैन दिमित्री मेदवेदेव ने ICC को मिसाइल अटैक की धमकी दी है। मेदवेदेव ने कहा- भगवान और मिसाइलों से बचना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है। बता दें कि मेदवेदेव को पुतिन का वफादार माना जाता है और वह 2008 से 2012 तक रूस के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं।
'मिसाइल हमले के लिए आसमान में नजर बनाए रखें जज'
मेदवेदेव ने ICC पर नाराजगी जताते हुए कहा, ''ये मुमकिन है कि नॉर्थ सी में रूसी वॉरशिप से निकली एक हाइपरसोनिक मिसाइल हेग में ICC के हेडक्वार्टर पर गिरे। कोर्ट के लिए इसे रोकना नामुमकिन होगा। कोर्ट NATO का मेंबर नहीं है तो इस हमले के बाद कोई जंग भी नहीं शुरू होगी। इस हमले का किसी को कोई अफसोस नहीं होगा।'' मेदवेदेव ने अपने टेलिग्राम अकाउंट पर लिखे स्टेटमेंट में ICC को एक बेकार अंतरराष्ट्रीय संगठन बताते हुए वहां के जजों को मिसाइल हमले के लिए आसमान में नजर बनाए रखने को कहा है।
17 मार्च को जारी हुआ था अरेस्ट वारंट
ICC ने पुतिन को युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए 17 मार्च को उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने पुतिन पर आरोप लगाया कि यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से गैर-कानूनी तरीके से बच्चों को रूस भेजा गया। लेकिन ICC के इस अरेस्ट वारंट को लेकर रूस की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी। रूस ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के आरोपों से इनकार किया और कहा कि ये गिरफ्तारी वारंट 'महत्वहीन' और 'अस्वीकार्य' है।
पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट को रूस ने बताया 'टॉयलेट पेपर'
मेदवेदेव ने व्लादिमीर पुतिन के लिए आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की थी। इसको लेकर मेदवेदेव ने ट्विटर पर लिखा था, "इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। टॉयलेट पेपर इमोजी के साथ यह बताने की जरूरत नहीं है कि इस पेपर का इस्तेमाल कहां किया जाना चाहिए।"
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करीब 16 हजार 226 यूक्रेनी बच्चे हो चुके हैं डिपोर्ट
बीबीसी ने बताया कि कोर्ट का आरोप है कि वह युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें यूक्रेन से रूस में बच्चों का अवैध निर्वासन भी शामिल है। ICC ने कहा कि यूक्रेन में 24 फरवरी, 2022 से अपराध किए गए थे- जब रूस ने अपना फुल स्केल पर आक्रमण शुरू किया था। मॉस्को ने आक्रमण के दौरान युद्ध अपराधों के आरोपों से इनकार किया है। आईसीसी ने पुतिन पर बच्चों के निर्वासन में शामिल होने का आरोप लगाया है, और कहा है कि उसके पास यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि उसने सीधे कृत्यों को अंजाम दिया, साथ ही साथ दूसरों के साथ काम किया। यूक्रेन के ह्यूमन राइट्स चीफ के मुताबिक, 13 महीने से चल रही इस जंग में अब तक करीब 16 हजार 226 बच्चों को डिपोर्ट किया जा चुका है।