स्लोवाकिया के संसदीय चुनाव में रूसी समर्थक पूर्व प्रधानमंत्री और लोकवादी नेता रॉबर्ट फिको ने शानदार जीत दर्ज की है। स्लोवाकिया में रूसी समर्थक नेता के जीतने से राष्ट्रपति पुतिन को संबल मिला है। वहीं अमेरिका को इस चुनाव परिणाम ने झटका देने का काम किया है। बता दें कि रॉबर्ट फिको और उनके वामपंथी दल ने देश के संसदीय चुनाव जीत लिया है। चुनाव प्रचार के दौरान रूस समर्थक रुख रखने और अमेरिका विरोधी संदेश देने के बाद मिली इस जीत को उनकी जबरदस्त राजनीतिक वापसी के तौर पर देखा जा रहा है।
स्लोवाक सांख्यिकी कार्यालय ने रविवार तड़के तक करीब छह हजार मतदान केंद्रों पर डाले गए 99.2 प्रतिशत मतों की गणना की, जिसके अनुसार फिको और उनके वामपंथी दल ‘डायरेक्शन-स्लोवाक सोशल डेमोक्रेसी’ (एसएमईआर) को कुल मतों में से सर्वाधिक 23.3 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं। इस चुनाव को रूसी युद्ध का सामना कर रहे पड़ोसी देश यूक्रेन की मदद के संदर्भ में स्लोवाकिया के लिए परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था। फिको की जीत यूरोपीय संघ और नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) की नाजुक एकता को और नुकसान पहुंचा सकती है।
रॉबर्ट ने सत्ता में आने पर यूक्रोन को किए जा रहे समर्थन को वापस लेने का किया था ऐलान
फिको (59) ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में वापसी के अपने प्रयास में सफल हो जाते हैं तो वह यूक्रेन को स्लोवाकिया द्वारा दिए जा रहे सैन्य समर्थन को वापस ले लेंगे। कुल 55 लाख की आबादी वाला देश स्लोवाकिया, रूस द्वारा युद्ध छेड़े जाने के बाद से यूक्रेन का कट्टर समर्थक रहा है। वह अपने पड़ोसी देश को हथियार दान कर रहा था और उसने युद्ध के दौरान शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी थीं। चुनाव में किसी भी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होने पर गठबंधन सरकार गठित करने की आवश्यकता होगी। । चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ था, जिसमें उदारवादी और पश्चिम समर्थक नए दल ‘प्रोग्रेसिव स्लोवाकिया’ 17 फीसदी मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। (एपी)
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