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न्यूजीलैंड में आया शक्तिशाली भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी, इतनी ज्यादा थी Earthquake की तीव्रता

न्यूजीलैंड में शक्तिशाली भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। सुबह 6.11 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 7.2 आंकी गई है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Apr 24, 2023 7:14 IST, Updated : Apr 24, 2023 7:39 IST
न्यूजीलैंड में आया शक्तिशाली भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी, इतनी ज्यादा थी Earthquake की तीव्रता
Image Source : INDIA TV न्यूजीलैंड में आया शक्तिशाली भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी, इतनी ज्यादा थी Earthquake की तीव्रता

New zealand Earthquake:  न्यूजीलैंड में शक्तिशाली भूकंप आया है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.2 आंकी गई है। इस शक्तिशाली भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह भूकंप सुबह 6.11 बजे न्यूजीलैंड के उत्तर-पूर्व में स्थित कर्माडेक आईलैंड पर आया। हालांकि अभी तक इस भूकंप के कंपन से किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।

जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था भूकंप का केंद्र 

युनाइटेड स्टेट्स जिओलॉजिकल सर्वे यानी यूएसजीएस के अनुसार यह भूकंप जमीन से 10 किलोमीटर नीचे गहराई में आया था। पिछले महीने भी न्यूजीलैंड में खतरनाक भूकंप आया था। तब भी कर्माडेक आईलैंड के पास ही धरती कांपी थी। तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 आंकी गई थी। इस बार भी भूकंप आया, वह शक्तिशाली है क्योंकि इस बार 7.2 की तीव्रता आंकी गई है।

रविवार को इंडोनेशिया में आया था शक्तिशाली भूकंप

इससे पहले कल यानी रविवार तड़के इंडोनेशिया में शक्तिशाली भूकंप आया था।  इंडोनेशिया में एक घंटे में दो बार भूकंप से धरती कांपी थी। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 और 5.8 मापी गई। यूएमएससी ने बताया कि रविवार तड़के केपुलुआन बाटू में दो बार भूकंप आया। पहले भूकंप का 43 किलोमीटर की गहराई पर उद्गम केंद्र था। वहीं दूसरा भूकंप 40 किलोमीटर की गहराई में आया।

भूकंप आने की क्या होती है वजह?

यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

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