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वो ऐतिहासिक 'पाप', जिसके लिए कनाडा में माफी मांग सकते हैं पोप फ्रांसिस, छोटे बच्चों के साथ हुईं थी 'घिनौनी घटना', जानिए पूरा मामला

कनाडा सरकार ने स्वीकार किया है कि 19वीं शताब्दी से 1970 के दशक तक संचालित सरकारी-वित्त पोषित ईसाई स्कूलों में शारीरिक और यौन शोषण बड़े पैमाने पर हुआ था।

Written By: Shilpa
Published : Jul 25, 2022 10:41 IST, Updated : Jul 25, 2022 10:52 IST
pope francis canada visit
Image Source : PTI pope francis canada visit

Highlights

  • स्कूलों में शारीरिक और यौन शोषण हुआ था
  • बच्चों को उनके परिवारों से दूर ले जाया गया था
  • ईसाई समाज में रचने के लिए मजबूर किया गया

Pope Francis Canada Apology: पोप फ्रांसिस ने रविवार को कनाडा की अपनी ऐतिहासिक यात्रा शुरू की है, जिसके तहत वह आवासीय स्कूलों में मिशनरियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के लिए स्थानीय लोगों से माफी मांग सकते हैं। इसे मूलनिवासी समुदायों के साथ सामंजस्य स्थापित करने और उस दौर के सदमे से उबरने में मदद करने के प्रयासों में कैथोलिक चर्च के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है। एडमंटन, अल्बर्टा, हवाई अड्डे पर उनका स्वागत स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधियों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और स्थानीय समूह ‘इनुक’ की सदस्य एवं देश की पहली जातीय गवर्नर जनरल मेरी साइमन ने किया। यहां पहुंचने पर फ्रांसिस ने एक आवासीय स्कूल के पीड़ित का हाथ चूमा।

फ्रांसिस ने यह संकेत दिया था कि यह एक ‘प्रायश्चित तीर्थयात्रा’ है, जो मूल निवासियों के बच्चों की पीढ़ियों को जबरन मौजूदा पीढ़ी के साथ मिलाने में कैथोलिक मिशनरियों की भूमिका का प्रायश्चित करने के लिए है। एक ऐसी यात्रा जिस पर पूरे कनाडा में पीड़ितों और उनके परिवारों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं, जो लंबे समय से अपने ऊपर हुए अत्याचारों के लिए पोप से माफी की मांग कर रहे थे। फ्रांसिस का रविवार को कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं था, जिससे उन्हें सोमवार को अपनी बैठक से पहले आराम करने का समय मिल गया। यहां मास्कवासिस में एक पूर्व आवासीय स्कूल के पास पीड़ित लोगों के साथ कब्रिस्तान में उनके प्रार्थना करने और माफी मांगने की उम्मीद है।

पोप ने डेसजर्लिस का हाथ चूमा 

फ्रांसिस से जब फ्रॉग लेक फर्स्ट नेशंस के आवासीय स्कूल की एक पीड़ित एल्डर अल्मा डेसजर्लिस को मिलवाया गया, तो उन्होंने डेसजर्लिस का हाथ चूम लिया। कॉन्फेडेरसी ऑफ ट्रीटी सिक्स फर्स्ट नेशंस के ग्रैंड चीफ जॉर्ज आर्केंड जूनियर ने पोप को बधाई दी और कहा, ‘अभी, हमारे बहुत से लोग संशय में हैं और वे आहत हैं।’ हालांकि, उन्होंने आशा व्यक्त की कि पोप की माफी के साथ, ‘हम इस सदमे से उबरने की यात्रा शुरू कर सकते हैं और जिस तरह से चीजें हम लोगों के लिए बरसों से हैं, उन्हें बदल सकते हैं।’’

कनाडा सरकार ने स्वीकार किया है कि 19वीं शताब्दी से 1970 के दशक तक संचालित सरकारी-वित्त पोषित ईसाई स्कूलों में शारीरिक और यौन शोषण बड़े पैमाने पर हुआ था। लगभग 150,000 मूल निवासी समुदाय के बच्चों को उनके परिवारों से दूर ले जाया गया और उन्हें उनके घरों, मूल भाषाओं और संस्कृतियों के प्रभाव से अलग करने और उन्हें कनाडा के ईसाई समाज में रचने-बसने के लिए मजबूर किया गया।

पहले भी गलतियों को किया गया स्वीकार

 
इससे पहले शीर्ष प्रोटेस्टेंट नेताओं ने भी अपने चर्च की ऐतिहासिक गलतियों को धीरे-धीरे स्वीकार किया है। ईसाई संप्रदायों की ओर से मांगी गई कई माफी उन गंभीर अपराधों के लिए हैं, जिनमें नरसंहार, यौन शोषण, दासता, युद्ध और अन्य अपराध शामिल हैं। चर्च की माफी से जुड़े विषयों के विशेषज्ञ और ओंटारियो के वाटरलू स्थित कॉनराड ग्रेबेल यूनिवर्सिटी कॉलेज में धार्मिक अध्ययन के प्रोफेसर जेरेमी बर्गन ने कहा कि भले ही चर्च के द्वारा माफी मांगा जाना अब सामान्य बात हो गई हो, लेकिन यह अपेक्षाकृत एक आधुनिक परिघटना है। बर्गन ने कहा, ‘20वीं सदी तक, चर्च ने अपने गलत कार्यों के लिए माफी नहीं मांगी थी।’

उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गईं महत्वपूर्ण क्षमा याचनाओं की ओर इशारा किया, विशेष रूप से जर्मनी के प्रोटेस्टेंट चर्च द्वारा की गई यह घोषणा की कि वे नाजियों का पर्याप्त रूप से विरोध करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि शीत युद्ध के बाद 1990 के देशक में मानवाधिकारों पर अधिक जोर दिए जाने के कारण चर्च की क्षमायाचनाएं भी बढ़ गईं। यह माफी उसी तरह की है, जैसा कि फ्रांसिस ने अप्रैल में रोम में कनाडा के प्रथम नागरिकों, इनुइट और मेटिस समुदायों से मांगी थी।

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