भारत की मजबूत विदेश नीति और पीएम मोदी के करिश्माई नेतृत्व से दुनिया में देश का डंका बज रहा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता और उनके अंदाज ने तमाम राष्ट्रों के अध्यक्षों को भी कायल बना दिया है। कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से पीएम मोदी की गहरी दोस्ती है। उसका लाभ देश के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती के रूप में तो मिल ही रहा है। साथ ही साथ पीएम मोदी की दोस्ती संकट मेंं देशवासियों के लिए सहारा भी बन रही है। ताजा मामला सूडान का है, जहां हिंसा क्षेत्र में फंसे कई भारतीयों को फ्रांस ने बाहर निकाला है। यह पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की गहरी दोस्ती के कारण ही संभव हो पाया है।
आधिकारिक सूचना के अनुसार फ्रांस ने हिंसाग्रस्त सूडान से निकासी अभियान के तहत कुछ भारतीय नागरिकों सहित 28 देशों के नगरिकों को बाहर निकाला है। नयी दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने सोमवार को कहा कि भारत सहित 28 देशों के 388 लोगों को बाहर निकाला गया है। दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘फ्रांस का निकासी अभियान जारी है। कल रात दो सैन्य विमानों से भारतीय नागरिकों सहित 28 देशों के 388 लोगों को बाहर निकाला गया है।’’ इस अभियान के दौरान बाहर निकाले गए भारतीयों की संख्या के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है।
सऊदी अरब ने भी की मदद
फ्रांस के अलावा संकट काल में अन्य देश भी भारत की मदद कर रहे हैं। इनमें सऊदी अरब का नाम भी शामिल है। रविवार को सऊदी अरब ने कहा कि उसने घनिष्ठ संबंध रखने वाले देशों और मित्र राष्ट्रों के 66 नागरिकों को सूडान से सुरक्षित रूप से निकाला है, जिनमें कुछ भारतीय भी शामिल हैं। ज्ञात हो कि सूडान में, वहां की सेना और एक अर्द्धसैनिक समूह के बीच पिछले 10 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, भारत ने हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को इस अफ्रीकी देश से सुरक्षित रूप से निकालने की अपनी आकस्मिक योजना के तहत जेद्दा में दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान उड़ान भरने के लिए तैयार रखे हैं।
भारतीय वायु सेना और नौसेना भी तत्पर
सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना के दो विमान तैनात किए गए हैं। साथ ही, भारतीय नौसेना के एक जहाज को क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बंदरगाह पर रखा गया है। शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आकस्मिक योजनाओं की तैयारी के लिए निर्देश दिये थे। बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ सूडान में स्थिति पर चर्चा की थी।