जॉर्जटाउनः नाइजीरिया के बाद अब गयाना ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है। गयाना के राष्ट्रपति इरफान अली सोलंकी ने बृहस्पतिवार को पीएम मोदी को गयाना का सर्वोच्च सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' प्रदान किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति इरफान अली को शुक्रिया अदा किया। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिये खुद को मिले इस सम्मान की जानकारी देते हुए इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित किया।
पीएम मोदी ने अपनी पोर्ट में लिखा, "मुझे गुयाना का सर्वोच्च सम्मान, 'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली को तहे दिल से धन्यवाद। ये भारत की 140 करोड़ जनता की पहचान है। " पीएम मोदी को गयाना को सर्वोच्च सम्मान मिलने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के जरिये प्रधानमंत्री को बधाई दी। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री के रूप में भारत के लिए एक और महान क्षण। पीएम नरेंद्र मोदी को गयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार, "द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस" से सम्मानित किया गया है। पीएम द्वारा ग्लोबल साउथ के अधिकारों की वकालत करने और भारत की विकास यात्रा को दुनिया के साथ साझा करने को ध्यान में रखते हुए, यह पुरस्कार उनके दूरदर्शी नेतृत्व की सच्ची पहचान है।"
गयाना के राष्ट्रपति ने दिया ये बयान
गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कहा, "प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटलीकरण का उपयोग देशों के बीच दूरियां बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अंतर और गरीबी को कम करने और दुनिया को एक साथ लाने के लिए ये प्रगति की जानी चाहिए... भारत नई प्रौद्योगिकी नवाचार का समर्थन कर रहा है और पीएम मोदी ने CARICOM में हमें याद दिलाया कि आप इस CARICOM परिवार के सदस्य हैं। हम चाहते हैं कि आप जानें कि हम आपको इस CARICOM परिवार के सदस्य के रूप में मानते हैं... यह एक द्विपक्षीय बैठक थी जो अलग थी। यह विचारों का मिलन था, विचारों का आदान-प्रदान था और चुनौतियों से उबरने में एक-दूसरे की मदद करने की प्रतिबद्धता थी।
गयाना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " आज की चर्चाओं में मैंने भारत के लोगों के प्रति उनके स्नेह और आदर को महसूस किया। भारत भी गयाना के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार है। दो लोकतंत्रों के रूप में हमारा सहयोग केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए नहीं बल्कि पूरे ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण है। अनेक नदियां, झरना और झीलों से समृद्ध गुयाना को 'अनेक जलों की भूमि' कहा जाता है। जिस प्रकार से गयाना की नदियां यहां के लोगों की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं, उसी प्रकार भारत की गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र जैसी महान नदियां हमारी प्राचीन सभ्यता का जन्म स्थल रही है... भारत और गुयाना के बीच समानताओं के ऐसे कई उदाहरण हैं जो हमारे ऐतिहासिक संबंधों और भी गहरा करते हैं...