इजरायल हमास युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार फिलिस्तीन के राष्ट्रपति को फोन किया और उनसे हालात का पूरा जायजा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से बातचीत के दौरान गाज़ा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि हम फ़िलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीनी क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की। प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट के जरिये फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से बातचीत की जानकारी साझा की है।
एक्स पर किए गए पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि हमने इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया। इससे पहले पीएम मोदी ने इजरायल पर हमास आतंकियों के हमले की सख्त निंदा की थी। इजरायल पर हुए इस आतंकी हमले के बाद उन्होंने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ होने खड़े होने और आतंक के खिलाफ लड़ाई में पूरा साथ देने की बात भी कही थी। हमास के आतंकी हमले के बाद इजरायल को सपोर्ट करने वाला पहला देश है। मगर भारत अपने मानवीय पहलुओं को भी आगे रखता है। भारत पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि हमास और फिलिस्तीन में फर्क करने की जरूरत है। हमास आतंकी संगठन है। इसलिए भारत आतंक के खिलाफ है। जबकि फिलिस्तीन के साथ भारत की पूरी हमदर्दी है। इसलिए पीएम मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति को फोन करके संकट की इस घड़ी में पूरी मानवीय सहायता देने का संकल्प किया है।
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