विश्व जलवायु परिवर्तन पर दुबई में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कॉप-28 में भारत ने फिर ग्लोबल साउथ देशों की दमदार वकालत की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने जी-20 में सस्टेनेबल डेवलपमेंट और क्लाइमेट चेंज को बहुत प्राथमिकता दी है। हमने वन अर्थ, वन फैमिल और वन फ्यूचर को अपनी अध्यक्षता का आधार बनाया। साझा प्रयासों से कई विषयों पर सहमति बनाने में सफलता पाई है। भारत समेत ग्लोबल साउथ के तमाम देशों की भूमिका जलवायु परिवर्तन में बहुत कम रही है। मगर क्लाइमेट चेंज के दुष्प्रभाव उन पर अधिक हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद ये देश क्लाइमेट चेंज पर एक्शन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने जी-20 में भी जलवायु परिवर्तन को पूरी प्राथमिकता दी है। ग्लोबल साउथ की अकांक्षाओं को पूरा करने के लिए क्लाइमेट फाइनेंस और टेक्नॉलॉजी बहुत जरूरी है। पीएम ने कहा कि ग्लोबल साउथ देशों की अपेक्षा है कि क्लाइमेट चेंज का सामना करने कि लिए विकसित देश उनकी अधिक से अधिक मदद करें। यह स्वाभाविक भी है और न्यायोचित भी है।
2030 तक बड़े क्लाइमेट फाइनेंस की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 के दौरान भी इस बात पर सहमति बनी है कि क्लाइमेट एक्सशन के लिए 2030 तक कई बिलियन डॉलर क्लाइमेट फाइनेंस की आवश्यकता है। ऐसा क्लाइमेट फाइनेंस जो आसानी से उबलब्ध हो, एक्सेसबल हो और अफोर्डेबल हो। मुझे उम्मीद है कि यूएई के क्लाइमेट फाइनेंस फ्रेमवर्क इनिशिएटिव से इस दिशा में बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर कल लॉस एंड डैमेज फंड को ऑपरेशनलाइज करने के ऐतिहासिक निर्णय का भारत स्वागत करता है। इससे कॉप-28 में नई आशाओं का संचार हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि कॉप सम्मेलन से क्लाइमेट फाइनेंस से जुड़े अन्य विषयों पर भी ठोस परिणाम निकलेंगे।
पीएम मोदी ने कहा-विकसित देश खत्म करें अपना कार्बन फुटप्रिंट
पीएम मोदी ने कहा कि कॉप 28 में न्यू कलेक्टिव क्वान्टिफाइड गोल एंड क्लाइमेट फाइनेंस में वास्तविक प्रगति होगी। ग्रीन क्लाइमेट फंड और एडेप्शन फंड में कमी नहीं होने दी जाएगी। इसकी त्वरित भरपाई की जाएगी। मल्टीलैट्रल डेवलपमेंट बैंक विकास के साथ क्लाइमेट एक्शन के लिए भी जरूरी फाइनेंस उपलब्ध कराएंगे। विकसित देश 2050 से पहले अपना कार्बन फुटप्रिंट जरूर खत्म करेंगे। मैं यूएई द्वारा क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट फंड स्थापित करने की घोषणा का हृदय से स्वागत करता हूं।
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