Highlights
- जलवायु परिवर्तन का असर असमान है: मार्कोस
- यह ऐतिहासिक नाइंसाफी को दर्शाता है: मार्कोस
- इस नाइंसाफी को खत्म करना चाहिए: मार्कोस
Philippines News: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में दिए संबोधन में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस ने दुनिया के सबसे अमीर लोगों पर सबसे गरीब लोगों को खतरे में डालने का आरोप लगाया। संबोधन के दौरान उन्होंने असमानता, परमाणु हथियारों और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी जोर दिया। जून में राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के बाद मार्कोस ने मंगलवार को यूएनजीए में दिए अपने पहले संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन पर “क्या और कब की बात करने का समय काफी पहले बीत चुका है।” उन्होंने विकसित देशों से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने और विकासशील देशों की मदद करने का आह्वान किया।
'नाइंसाफी को खत्म करना चाहिए'
मार्कोस ने कहा, “जलवायु परिवर्तन का असर असमान है और ऐतिहासिक नाइंसाफी को दर्शाता है। जो इसके लिए सबसे कम कसूरवार हैं, वही सबसे ज्यादा मुश्किलें झेल रहे हैं। इस नाइंसाफी को खत्म करना चाहिए और जिन्हें ज्यादा कदम उठाने की जरूरत है, उन्हें अब ऐसा शुरू कर देना चाहिए।” उन्होंने अपने संबोधन में कई बार अमीर और गरीब देशों के बीच के अंतर को रेखांकित किया, जिसमें इंटरनेट सेवा तक पहुंच से लेकर कोविड-19 महामारी से निपटने के उपाय तक शामिल हैं।
'दुनियाभर में हमारे चार्टर का उल्लंघन किया जा रहा है'
मार्कोस ने कहा, “अमीर मुल्कों को गरीब और वंचित देशों की कीमत पर तत्काल टीके मिले।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र परिसर में असमानता की तरफ इशारा करते हुए कहा, “दुनियाभर में हमारे चार्टर का उल्लंघन किया जा रहा है।” मार्कोस ने परमाणु हथियारों की संख्या में कमी लाने और साइबर संसार व कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने को नियंत्रित करने के लिए नियम-कायदे बनाने पर भी जोर दिया।