Friday, November 22, 2024
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फिलिस्तीनी कैदियों को लेकर वेस्ट बैंक पहुंचते ही लगे अल्लाह-हू-अकबर के नारे, गूंजे हमास के जयकारे

हमास ने इजरायल पर युद्ध विराम समझौते की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए बंधकों की रिहाई कई घंटों तक टाले रखी, जिसके कारण तनावपूर्ण गतिरोध पैदा हो गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता प्रयासों से इस गतिरोध को दूर कर दिया गया। युद्धविराम के पहले दिन हमास ने करीब 240 बंधकों में से 24 लोगों को रिहा किया था।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: November 26, 2023 14:23 IST
फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा होने के बाद वेस्ट बैंक ले जाती रेड क्रॉस की गाड़ी। - India TV Hindi
Image Source : AP फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा होने के बाद वेस्ट बैंक ले जाती रेड क्रॉस की गाड़ी।

इजरायल-हमास युद्ध के तीसरे दिन जब फिलिस्तीनी बंधकों को लेकर रेड क्रॉस की गाड़ी रविवार को सुबह वेस्ट बैंक पहुंची तो माहौल जश्न में बदल गया। अपनों को जेल से वापस आते देख परिवारजनों ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने हमास के भी जयकारे लगाए। रात भर आतिशबाजी और जश्न मनाते रहे। हमास ने 13 इजराइली और चार विदेशी बंधकों को छोड़ा तो बदले में इजरायल ने कम से कम 36 फलस्तीनी लोगों को रिहा किया। 
 
हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों और इजराइल में फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के दूसरे दौर के तहत इन बंधकों और कैदियों को रिहा किया गया है। अल बिरेह पहुंचने पर सैकड़ों लोगों ने रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति की बस का स्वागत किया। भीड़ ने बस के पहुंचते ही ‘‘अल्लाह हू अकबर’’ के नारे लगाए। बस की छत पर कई युवा पुरुष खड़े हो गए। भीड़ में मौजूद कई लोगों ने हमास के झंडे पकड़ रखे थे। उन्होंने हमास के समर्थन में नारेबाजी की।  इजरायली सेना ने कहा कि हमास द्वारा छोड़े गए बंधकों में चार लोग थाईलैंड के नागरिक हैं। इन बंधकों को इजराइल ले जाया गया है और उन्हें उनके परिवारों से मिलाया जा रहा है।
 

जेल से छूटने के बाद भी डर से कांप रहे थे फिलिस्तीनी कैदी

हमास ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें बंधक घबराए और कांपते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर की सेहत ठीक प्रतीत हो रही है। वीडियो में नकाबपोश चरमपंथी उन्हें रेड क्रॉस के वाहन की ओर ले जाते दिख रहे हैं। अपनी रिहाई के तुरंत बाद नूरहान अवाद नाम की महिला यरूशलेम के पास कलंदिया शरणार्थी शिविर में जब पहुंचीं तो सैकड़ों लोगों ने उसका एक नायिका की तरह स्वागत किया। अवाद 2016 में जब 17 साल की थी तब उसे एक इजराइली सैनिक पर कैंची से वार करने के प्रयास के लिए साढ़े 13 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। रिहा की गई एक अन्य फलस्तीनी महिला शुरौक दुवियात ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम गाजा में अपने लोगों को संदेश भेजते हैं कि हम आपके साथ खड़े हैं और आपका समर्थन करते हैं।
 

हमास के चंगुल से मुक्त होकर दूसरे दिन लौटे 7 बच्चे और 6 महिलाएं

 इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि हमास द्वारा शनिवार को रिहा किए गए  इजरायली बंधकों में सात बच्चे और छह महिलाएं शामिल हैं। किबुत्ज के एक प्रवक्ता ने बताया कि रिहा किए गए अधिकतर बंधक किबुत्ज बेरी से हैं। हमास के आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को  इजरायल पर हमले के दौरान किबुत्ज बेरी को तबाह कर दिया था। रिहा गए गए बच्चों की उम्र तीन से 16 साल और महिलाओं की उम्र 18 से 67 साल के बीच है। किबुत्ज के प्रवक्ता ने बताया कि रिहा किए गए सभी बंधकों के परिवार का कोई न कोई सदस्य या तो सात अक्टूबर की हिंसा में मारा गया था या उनका कोई प्रियजन गाजा में बंधक है।
 
प्रवक्ता ने कहा कि रिहा किए गए बंधकों में शामिल 12 वर्षीय हिला रोटेम की मां अब भी हमास के कब्जे में है। किबुत्ज के निवासी सात अक्टूबर के हमले के बाद से एक होटल में एक साथ रह रहे हैं। शनिवार देर रात होटल के एक सभागार में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और जब उन्होंने अपने प्रियजनों की पहली तस्वीरें जारी होते देखीं तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। ​ (एपी) 

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