Highlights
- इमरान सरकार पर लटक रही अविश्वास प्रस्ताव की तलवार
- इमरान सरकार के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष
- विपक्ष कर सकता है सरकार बनाने का दावा
इस्लामाबादः पाकिस्तान में मचे सियासी घमासान के बीच यहां की नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ आज शाम 4 बजे अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा।इमरान खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के शासन के दौरान देश में बढ़ती महंगाई ने वहां के आम नागरिकों की कमर ही तोड़ दी है। पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ बढ़ते रोष को देखते हुए विपक्ष इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।
इमरान सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है। विपक्ष इमरान सरकार पर हमला करने और उसके खिलाफ माहौल तैयार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। इसी सियासी रणनीति के तहत जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई) के अध्यक्ष फजल-उर-रहमान के नेतृत्व में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। जो कि आज इस्लामाबाद पहुंचने वाली है। इस्लामाबाद आज पाकिस्तान की सियासी धुरी का केंद्र बनने जा रहा है। जहां प्रधानमंत्री इमरान खान विपक्ष की सियासी चाल में फंसते दिखाई दे रहे हैं।
गठबंधन में पड़ी दरार
मुश्किल दौर से गुजर रही इमरान सरकार से उनके सहयोगी भी भरोसा खोते जा रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, जम्हूरी वतन पार्टी के शाहज़ैन बुगती ने सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ने का फैसला किया है। 342 सदस्यीय सदन में ट्रेजरी बेंच की संख्या 178 है। विपक्ष के पास पीएमएल-क्यू के साथ 163 सदस्यों का समर्थन है, बलूचिस्तान अवामी पार्टी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान, 17 सदस्यों के साथ तीन प्रमुख सरकारी सहयोगियों ने अभी भी तक कोई फैसला नहीं लिया है। दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी है। हांलाकि, पीएम इमरान खान की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
खतरे में इमरान सरकार
पाकिस्तान नें सत्तारूढ़ पीटीआई सरकार पर खतरे के बाद मंडरा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि यदि अध्यक्ष पहले प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति देते हैं और फिर तीन दिन और सात से कम समय के बाद वोटिंग करने के लिए कहते हैं। तो ऐसे हालात में संभावना है कि सत्तारूढ़ पीटीआई के दर्जनों असंतुष्ट नेता पार्टी लाइन से हटकर अपने नीजि विवेक पार्टी के खिलाफ वोट डाल सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो मामला और भी जटिल हो सकता है। क्योंकि पाकिस्तान का संविधान प्रधानमंत्री को प्रस्ताव पेश होने के बाद सदन को भंग करने और नए चुनाव की सिफारिश करने की अनुमति नहीं देता है।
विश्वास मत खोने का संकट
पीएम इमरान खान की समस्या उस समय और भी अधिक बढ़ जाएगी, यदि वो सदन में विश्वास मत खो देते हैं। यदि ऐसा होता है तो इस हालात में विपक्ष और सदन में सबसे बड़ी पार्टी पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। लेकिन अगर पीएम खान प्रस्ताव पेश करने से पहले सदन को भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की सिफारिश करते हैं, तो ऐसी परिस्थिति में ना तो सरकार का नेतृत्व किया जा सकता है और ना ही कोई तीसरा व्यक्ति इसका नेतृत्व कर सकेगा।
यद्यपि इस्लामाबाद में वर्तमान में चल रही राजनीतिक साजिशों के अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि सदन के अध्यक्ष केवल अपरिहार्य में देरी कर सकते हैं और इमरान खान इस्तीफा देकर सदन में अपमान से बच सकते हैं और अविश्वास प्रस्ताव से पहले नए चुनाव का आह्वान कर सकते हैं।