वाशिंगटन: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने से पाकिस्तान में भारी दहशत है। भारतीय मूल के एक अमेरिकी अधिवक्ता ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकताओं में सीमा से जुड़े मुद्दों को हल करना, आतंकवाद समाप्त करना, बंधकों को मुक्त कराना और युद्धों को समाप्त करना शामिल है। ऐसे में आतंकवाद को पनाह देने वाला पाकिस्तान दोबारा ट्रंप की पॉलिसी से पंगु हो सकता है। बता दें कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान को मिलने वाली टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए इसे आतंकी सूची में डाल दिया था। इससे 4 साल तक पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खस्ताहाली तक पहुंच गई थी। अब पाकिस्तान को फिर वैसा ही खतरा सताने लगा है।
भारतीय-अमेरिकी अधिवक्ता काश पटेल ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की और साथ ही यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कई विश्व नेताओं से फोन पर बात की है।’’ पटेल ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारी और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर सेवाएं दी हैं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर ट्रंप के सबसे करीबी विश्वासपात्रों में से एक रहे हैं। वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के नए प्रशासन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपको वही करना है जो राष्ट्रपति ट्रंप ने पूर्व में किया था। यह कोई रहस्य नहीं है।
आतंक के प्रयोजक हैं ट्रंप का टारगेट
अपने शत्रुओं की खुफिया जानकारी एकत्र करने की प्राथमिकता, ताकि हम उन खतरों को हरा सकें और वे हैं ईरानी मुल्ला तथा आतंक के प्रायोजक। यह भी सुनिश्चित करना है कि हम सीसीपी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) और अपने रूसी विरोधियों को हमारे साइबर बुनियादी ढांचे पर हमला करने से रोकें।’’ पटेल ने कहा, ‘‘लेकिन यदि आपके खुफिया समुदायों की प्राथमिकताएं जलवायु परिवर्तन और डीईआई हैं तो आप वो काम नहीं कर पाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि प्राथमिकताएं सीमा, आतंकवाद, बंधकों को घर वापस लाना और हमेशा के लिए युद्ध समाप्त करना हैं। मुझे लगता है कि इस दिशा में काम होगा। (भाषा)
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