Highlights
- अमेरिकी राजदूत ने मई अंत में ही संभाला कार्यभार
- कोरोना समय की ‘‘साझेदारी’’ को अच्छे उदाहरण स्वरूप किया याद
- 'दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के तय एजेंडे पर बन रही कई योजनाएं'
Pakistan: एक खबर के अनुसार पाकिस्तान में आए नए अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने कहा है कि उनका देश इस्लामाबाद के साथ मजबूत दोतरफा संवाद करना चाहता है। खबर के अनुसार ब्लोम ने कहा कि अमेरिका का इरादा पूर्व पीएम इमरान खान द्वारा अमेरिका पर लगाये गये ‘‘सत्ता परिवर्तन’’ के आरोपों को अनदेखा कर आगे बढ़ने का है। अमेरिका पाकिस्तान के साथ मजबूत दोतरफा संचार करने को तैयार है। राजदूत ब्लोम ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर जबरदस्त चुनौतियों के बीच पिछले महीने के अंत में पाकिस्तान में कार्यभार संभाला था।
खान के आरोपों का कई बार खंडन कर चुका है अमेरिका
गौरतलब है कि पूर्व पीएम इमरान खान ने आरोप लगाया था कि उन्हें ‘सत्ता परिवर्तन’ के लिए एक अमेरिकी साजिश के तहत हटाया गया था। आपको बता दें कि खान को 10 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। हालांकि अमेरिका खान के आरोपों का कई बार खंडन कर चुका है। ब्लोम ने ‘डॉन’ अखबार को दिए एक इंटरव्यू में खान के ‘सत्ता परिवर्तन’ के आरोप को खारिज किया था।
पिछले 75 वर्षों से है पाक समाज के सभी स्तरों से जुड़ाव
अमेरिकी राजदूत ने कहा,‘‘हालांकि, मुझे लगता है कि एक सबसे अच्छी बात जो हम आगे कर सकते हैं, यह है पाकिस्तानी समाज के सभी स्तरों पर जुड़ना जारी रखना। यह काम हम पिछले 75 वर्षों से लगातार कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह जुड़ाव केवल सरकार तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि राजनीतिक नेताओं, व्यापारिक समुदाय, नागरिक समाज और युवाओं तक होगा। उन्होंने कहा कि इस दोतरफा संचार में, वह ‘‘सुनेंगे और समझेंगे’’ कि यहां क्या हो रहा है और वाशिंगटन को ‘‘उस समझ से अवगत कराएंगे।’’
स्वास्थ्य, शिक्षा समेत कई और क्षेत्रों में हो सकता सहयोग
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने 18 मई को न्यूयॉर्क में एक खाद्य सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की थी। ब्लोम ने कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों द्वारा अपनी बैठक में तय किये गये एजेंडे के आधार पर कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। राजदूत ने वैश्विक कोविड-19 महामारी के खिलाफ दोनों देशों के बीच ‘‘साझेदारी’’ को अच्छे उदाहरण के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा समेत कई अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग का विस्तार किया जा सकता है।