हमास आतंकियों के हमले के जवाब में गाजा पर इजरायल के हवाई हमले से दुनिया भर के मुसलमानों में खलबली मच गई है। गाजा पर इजरायली कार्रवाई के खिलाफ और फलस्तीनियों के समर्थन में दुनिया के कई देशों में जुमा की नमाज के बाद हजारों की संख्या में मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। जॉर्डन की राजधानी अम्मान से लेकर यमन की राजधानी सना और इंडोनेशिया के जकार्ता सहित विभिन्न हिस्सों में इजरायल की हमास के खिलाफ कार्रवाई के बाद आए पहले जुमा की नमाज के बाद हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे। यरुशलम के अल अक्सा मस्जिद में इजराइली पुलिस ने केवल बुजुर्ग पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को ही परिसर में नमाज अदा करने के लिए दाखिल होने की अनुमति दी।
एसोसिएटेड प्रेस’ के संवाददाता ने देखा कि पुलिस ने 20 नमाजियों में से केवल एक किशोरी और उसकी मां को परिसर में दाखिल होने की अनुमति दी। जिन फलस्तीनियों युवाओं को परिसर में दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई वे द्वार की सीढ़ियों पर तबतक जमा रहे जबतक पुलिस ने उन्हें जाने को नहीं कहा। पुलिस ने बाद में पुराने यरुशलम और पूर्वी यरुशलम में आंसू गैस के गोले दागे। फलस्तीनी रेड क्रिसेंट ने बताया कि उसके चिकित्सकों ने छह घायलों का इलाज किया और उनमें से कम से कम एक व्यक्ति की अधिकारी ने पिटाई की थी। पड़ोसी देश लेबनान की राजधानी बेरुत में हजारों की संख्या में हिजबुल्लाह के समर्थकों ने फलस्तीन और हिजबुल्लाह के झंडों के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने गाजा के समर्थन में ‘‘इजराइल की मौत’ के नारे लगाए।
अमेरिका को मुसलमानों ने कहा सबसे बड़ा दुष्ट
बेरुत के दक्षिणी उपनगर में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए हिजबुल्लाह के उप महासचिव नईम कासिम ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘ तुम्हारे युद्धपोत हमारे हित में नहीं है और न ही तुम्हारे बयान हमें भयभीत करते हैं।’’ इराक की राजधानी बगदाद स्थित मशहूर तहरीर चौक पर हजारों की संख्या में लोग फलस्तीन के समर्थन में जुटे। इस प्रदर्शन का आह्वान प्रभावशाली शिया धर्मगुरु और नेता मुक्तदा अल सद्र ने किया था। अल सद्र ने ऑनलाइन बयान में कहा, ‘‘ संभव है कि यह प्रदर्शन सबसे बड़े दुष्ट अमेरिका को भयभीत करे जो हमारे प्यारे फलस्तीनियों के खिलाफ यहूदी आंतकवाद का समर्थन कर रहा है।’’ पूरे ईरान में हमास के समर्थन में क्षेत्रीय दुश्मन इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन हुए। राजधानी तेहरान में प्रदर्शनकारियों ने इजरायल और अमेरिका के झंडे जलाए और इजरायल की मौत’, ‘अमेरिका की मौत’, इजरायल का नाश होगा’ और ‘फलस्तीन विजेता होगा’ के नारे लगाए।
ईरान के राष्ट्रपति ने संबोधन में उगली आग
दक्षिण फारस सूबे में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए ईरान के कट्टरपंथी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा, ‘‘ फलस्तीनी लोग तंग आ चुके हैं और अब आपका विचार है कि गाजा और लोगों के घरों को नष्ट कर दिया जाए। दुनिया और फलस्तीन के लोग तुम्हारे लिए परेशानी खड़ी कर देंगे।’’ यमन की राजधानी सना से आई टेलीविजन तस्वीरों में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारियों की भीड़ सड़कों पर है और उनके हाथों में फलस्तीन और यमन के झंडे है। सना पर ईरान समर्थित हुती का कब्जा है जो अब भी सऊदी अरब नीत गठबंधन से युद्ध लड़ रहा है। पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद में कुछ नमाजियों ने असम्मान प्रकट करने के लिए अमेरिका और इजराइल के झंडों को पैरों से कुचला। हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। इस्लामाबाद की तालिबान समर्थक लाल मस्जिद के इमाम अब्दुल अजीज ने अल्लाह से फलस्तीनियों को विशेष मदद अता करने की दुआ मांगी जहां पर करीब 900 नमाजी जुटे थे।
पाकिस्तान भी इजरायल के खिलाफ
इसी तरह के प्रदर्शन कराची और लाहौर सहित पूरे देश के मस्जिदों में हुए। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टियों ने जुमा की नमाज के बाद इजराइल विरोधी रैलियां निकाली। पाकिस्तान का इजराइल के साथ राजनयिक संबंध नहीं है। मलेशिया की राजधानी कुआललांपुर में करीब एक हजार मुस्लिमों ने जुमा की नमाज के बाद फलस्तीनियों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए रैली निकाली। उन्होंने ‘फलस्तीन को मुक्त करो’ और ‘यहूदियों को कुचल दो’ के नारे लगाए और इजराइली झंडे से लिपटे पुतले को जलाया। इस प्रदर्शन में शामिल होने वालों में मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री 98 वर्षीय महातिर मोहम्मद भी थे महातिर ने कहा, ‘‘ उन्होंने 75 साल पहले इजराइल बनाने के लिए फलस्तीन की जमीन ले ली। उससे भी संतुष्टि नहीं मिली तो वे लगातार और जमीन छीन रहा है। (एपी)
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