अल्बानिया में विपक्षी प्रदर्शनकारियों ने इस कदर उत्पात मचाया कि हर कोई हैरान रह गया। प्रधानमंत्री से नाराज विरोधियों ने अल्बानिया की सरकारी इमारत पर पेट्रोल बम फेंक दिया, इससे इमारत में भीषण आग लग गई। वहां मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने अल्बानियाई प्रधान मंत्री एडी राम पर भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इसके बाद अपने नेता को नजरबंद किए जाने के बाद विपक्षी प्रदर्शनकारियों ने राज्य के अधिकारियों पर संगठित अपराध और भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार देर रात अल्बानिया की सरकारी इमारत पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया।
राजधानी तिराना में सरकारी मुख्यालय के सामने हजारों लोग एकत्र हो गए। प्रधान मंत्री एडी राम के कार्यालय की घेराबंदी करने आए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दंगा पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया था। मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने राम पर भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। हालांकि पीएम का कहना है कि वह कई युवाओं को बेहतर जीवन के लिए पश्चिमी यूरोप में प्रवास करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने 20 फरवरी 1991 की याद में रैली के लिए मंगलवार का दिन चुना, जब लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अल्बानिया के लंबे समय तक कम्युनिस्ट तानाशाह एनवर होक्सा की मूर्ति को तोड़ दिया था।
मौजूदा शासन को बताया बदतर
प्रदर्शनकारियों ने कहा "आज हम यहां राम के शासन को खत्म करने के लिए हैं, जो एनवर होक्सा के शासन से भी बदतर है।" सिले ज़ेबेक्सिया ने कहा, उन्होंने तिराना में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 100 किमी से अधिक की यात्रा की। विपक्षी नेता साली बेरीशा ने नजरबंद होने के बावजूद वीडियो लिंक के जरिए प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। बता दें कि बेरीशा पर 2005-2013 के बीच प्रधानमंत्री रहते हुए कथित भ्रष्टाचार के लिए उन पर जांच चल रही है। हालांकि बेरीशा ने गलत काम करने से इनकार किया है और राम पर विरोधियों को चुप कराने के लिए राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है। जबकि राम भी इस आरोप को खारिज करते हैं। अभियोजकों ने अभी तक यह निर्णय नहीं लिया है कि बेरीशा के खिलाफ औपचारिक आरोप दायर किया जाए या उन्हें हटा दिया जाए। बेरीशा ने प्रदर्शनकारी भीड़ से कहा, "दूसरे तानाशाह (होक्सा) के समान, एडी राम ने सभी शक्तियां अपने हाथों में केंद्रित कर ली हैं।
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