लाल सागर में विभिन्न देशों की जहाजों को ड्रोन और मिसाइल हमलों से निशान बना रहे हूती विद्रोहियों के लिए ‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन’ काल बन गया है। इसके तहत अमेरिका और ब्रिटेन ने हूतियों के कई अहम ठिकानों पर यमन में हमला किया है। इससे हूतियों की बोलती बंद कर दी गई है। सिंगापुर भी इस ऑपरेशन में शामिल है। हालांकि अभी तक सिंगापुर ने हूतियों पर कोई हमला नहीं किया है। सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उनके देश ने यमन में हुती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य हमलों में भाग नहीं लिया लेकिन वह लाल सागर में जहाजों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से बने बहुराष्ट्रीय कार्य बल में शामिल है।
सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंगापुर के बल लाल सागर में यमन के हुती विद्रोहियों द्वारा मालवाहक जहाजों पर हमलों से निपटने के लिए बनाए गए एक अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा बल ‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन’ में शामिल हैं। मंत्रालय ने ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ के हवाले से एक बयान में कहा, ‘‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन का हुती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य हमलों से संबंध नहीं है।’’ इजराइल-हमास संघर्ष के बीच लाल सागर में व्यावसायिक जहाजों पर हुती विद्रोहियों के हमलों को लेकर दुनियाभर में तनाव बढ़ रहा है। ईरान समर्थित विद्रोहियों ने कहा कि इन हमलों का मकसद गाजा पट्टी में इजराइल के साथ युद्ध में फलस्तीनी सशस्त्र समूह हमास के लिए समर्थन दिखाना है। अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हुती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं।
अमेरिकी विध्वंसक पोतों से कांपे हूतिये
दिसंबर में लाल सागर में सिंगापुर के ध्वज वाले डेनमार्क के एक कंटेनर जहाज पर हुती विद्रोहियों ने मिसाइल हमला किया था। उसकी मदद के लिए अमेरिका के दो विध्वंसक पोत आए थे और उनमें से एक युद्धपोत ने दो जहाज रोधी बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया था। उसी महीने विद्रोही समूह ने कहा था कि वह इजराइल की ओर जाने वाले सभी जहाजों को निशाना बनाएगा चाहे वे किसी भी देश के हो। सिंगापुर के रक्षा मंत्री एन ई हेन ने मंगलवार को संसद में कहा कि हुती विद्रोहियों के हमलों के परिणामस्वरूप दुनिया की सभी पांच सबसे बड़ी जहाजरानी कंपनियों ने लाल सागर से आवागमन निलंबित कर दिया है जो यूरोप और एशिया के बीच समुद्री व्यापार का सबसे छोटा मार्ग है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन’ 39 देशों के संयुक्त समुद्री बल के तहत आने वाला एक प्रयास है। (भाषा)
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