Highlights
- नागोर्नो-काराबाख को लेकर संघर्ष है पुराना
- दोनों देशों के बीच 2020 में भी छह सप्ताह तक चला था भीषण युद्ध
- भारत ने की थी तत्काल संघर्ष विराम की अपील
Armenia and Azerbaijan War: लंबे समय से एक दूसरे के जानी दुश्मन बने आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच अब युद्ध थमने वाला है। दोनों देशों के नेताओं ने शत्रुता और तनाव कम करने के प्रयास करते हुए प्राग में वार्ता की है। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को जारी एक संयुक्त बयान इस संबंध में जारी किया है। इसके मुताबिक, आर्मीनिया ‘‘ यूरोपीय संघ के असैन्य मिशन को आजरबैजान की सीमा से लगते इलाकों का दौरा करने की अनुमति देने पर सहमत हो गया है।
यह सहमति यूरोपीय सम्मेलन के इतर यूरोपीय संघ परिषद अध्यक्ष चार्ल्स माइकल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच हुई बैठक में बनी। बयान में कहा गया कि अजरबैजान भी ‘‘अपने क्षेत्र में मिशन के साथ सहयोग करेगा।’’ पिछले महीने आर्मीनिया और अजरबैजान ने अपने बीच हुई लड़ाई के बाद संघर्ष विराम करने के लिए वार्ता की थी। उक्त लड़ाई में दोनों पक्षों के 155 सैनिक मारे गए थे। बयान के मुताबिक, ईयू मिशन अक्टूबर में काम शुरू करेगा और अधिकतम दो महीने के लिए सक्रिय होगा।
विश्वास बहाली है लक्ष्य
मिशन का लक्ष्य ‘विश्वास बहाल करना’ और सीमा आयोगों का सहयोग करना है, जिनकी स्थापना इस साल की शुरुआत में सीमा के सीमांकन के लिए की गई थी। गौरतलब है कि अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है। नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यह 1994 में एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में है। दोनों के बीच 2020 में छह सप्ताह तक चले युद्ध में 6,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
नागोर्नो-काराबाख को लेकर संघर्ष है पुराना
अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है। नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यह 1994 में एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से यह आर्मीनिया के कब्जे में आ गया था। तब से अजरबैजान का यह महत्वपूर्ण इलाका आर्मीनिया समर्थित बलों के नियंत्रण में है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच 2020 में भी छह सप्ताह तक भीषण युद्ध चला था। इसमें 6,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
भारत ने भी की थी तत्काल संघर्ष विराम की अपील
भारत ने भी आर्मीनिया और अजरबैजान को कुछ दिन पहले ही युद्ध खत्म करने की अपील की थी। भारत ने दोनों देशों से आक्रमकता खत्म करने और तत्काल संघर्ष विराम करने की अपील करते हुए कहा था कि सैन्य संघर्ष से किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत का विश्वास है कि द्विपक्षीय विवादों का समाधान कूटनीति और संवाद से होना चाहिए।