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Salary Crisis In London: अब लंदन में भी गहराया वेतन का संकट, वकील करने वाले हैं देशव्यापी हड़ताल

Salary Crisis In London: श्रीलंका में चरमराई अर्थव्यवस्था के बाद अब इंग्लैंड और वेल्स में वेतन को लेकर बड़ी व देशव्यापी हड़ताल की तैयारी हो चुकी है। आपराधिक मामलों के वकीलों ने नौकरियों और वेतन को लेकर सरकार के साथ लगातार अगले महीने चौतरफा हड़ताल के पक्ष में मतदान किया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra
Published : Aug 22, 2022 18:17 IST, Updated : Aug 22, 2022 18:17 IST
London- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV London

Highlights

  • लंदन में होने वाली है बड़ी हड़ताल
  • 15 फीसद वेतन में बढ़ोत्तरी तत्काल लागू करने की मांग
  • वकीलों के ऐलान से सरकार परेशान

Salary Crisis In London: श्रीलंका में चरमराई अर्थव्यवस्था के बाद अब इंग्लैंड और वेल्स में वेतन को लेकर बड़ी व देशव्यापी हड़ताल की तैयारी हो चुकी है। आपराधिक मामलों के वकीलों ने नौकरियों और वेतन को लेकर सरकार के साथ लगातार अगले महीने चौतरफा हड़ताल के पक्ष में मतदान किया है। डीपीए न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिमिनल बार एसोसिएशन (सीबीए) के सदस्य वैकल्पिक सप्ताहों यानी एक हफ्ता छोड़कर उससे हफ्ते में वॉकआउट कर रहे हैं, लेकिन 05 सितंबर से शुरू होने वाली अनिश्चितकालीन, निर्बाध हड़ताल के साथ इंडस्ट्रियल एक्शन को आगे बढ़ाने के लिए मतदान किया गया है। इससे लंदन में हालात बिगड़ने के संकेत मिलने लगे हैं। 

हड़ताल के पक्ष में रविवार आधी रात को मतदान बंद हो गया था। इसके बाद सोमवार सुबह परिणाम घोषित कर दिया गया। सीबीए की उपाध्यक्ष क्रिस्टी ब्रिमेलो ने कहा कि अदालतों के खाली बैठने की तुलना में कम पैसे की मांग पर यह 'अंतिम उपाय की कार्रवाई' है।  उन्होंने कहा कि हड़ताल का प्रभाव यह होगा कि अदालतें सुनवाई के मामलों में खाली ही बैठती रहेंगी। मगर मामलों की सुनवाई नहीं हो सकेगी। यही हमारे लिए विरोध का अंतिम उपाय है। यह उपाय मामलों के बैकलॉग में पैसों के लिए है, जो वर्तमान में 60,000 मामलों का आंकड़ा छू चुका है, जिस पर बैरिस्टर काम कर रहे हैं। सरकार के प्रति माह केवल 1.1 मिलियन पाउंड (1.18 मिलियन डॉलर) खर्च होंगे।

अदालतों के खाली रहने पर अधिक लागत

न्याय मंत्रालय (एमओजे) के आंकड़ों के अनुसार, कानूनी सहायता वकालत कार्य के लिए शर्तों और सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क पर विवाद के परिणामस्वरूप 6,000 से अधिक अदालती सुनवाई बाधित हुई है। सूचना की स्वतंत्रता कानूनों के तहत जारी किए गए डेटा से पता चलता है कि इंडस्ट्रियल एक्शन के पहले 19 दिनों के दौरान, 27 जून से 5 अगस्त के बीच, इंग्लैंड और वेल्स में 1,415 ट्रायल सहित 6,235 अदालती मामलों को बाधित किया गया है। इस प्रकार अदालतों के खाली रहने पर अधिक लागत आ रही है। 

प्रस्तावित वृद्धि को तत्काल लागू करने की मांग
हड़ताली वकीलों का कहना है कि आपराधिक मामलों के वकीलों को सितंबर के अंत से 15 प्रतिशत शुल्क वृद्धि मिलने वाली है, जिसका अर्थ है कि वे प्रति वर्ष 7,000 पाउंड अधिक कमाएंगे। लेकिन गुस्सा इसलिए है कि प्रस्तावित वेतन वृद्धि को तुरंत प्रभावी नहीं किया जाएगा और यह केवल नए मामलों पर लागू होगा। एमओजे ने पहले कहा था कि उसने सीबीए को 'बार-बार बताया' था कि बैकडेटिंग वेतन के लिए 'मौलिक परिवर्तन' की आवश्यकता होगी कि शुल्क का भुगतान कैसे किया जाता है। इनकी ओर से कहा गया था, "उस सुधार से करदाताओं के पैसे की अनुपातहीन राशि खर्च होगी और इसे लागू करने में अधिक समय लगेगा। मतलब बैरिस्टरों को भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना होगा। इसलिए अब हड़ताल करना जरूरी हो गया है। 

लंदन में हड़ताल से प्रभावित होंगे मुकदमे
भारी संख्या में वकीलों के हड़ताल पर चले जाने से मुकदमे प्रभावित होंगे। लोगों को न्याय मिलने में देरी होगी। इस दौरान नए मुकदमों का बोझ भी अदालतों पर बढ़ेगा। वकीलों की इस हड़ताल को सरकार गंभीरता से ले रही है। हड़ताल शुरू होने से पहले ही सरकार इसका विकल्प तलाशने की कोशिश कर रही है। मगर वकील अपनी जिद पर अड़े हैं। वह चाहते हैं कि प्रस्तावित वृद्धि को तत्काल लागू किया जाए। 

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