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अब रूसी पासपोर्ट से पहचाने जाएंगे यूक्रेनी नागरिक, Russian Army ने बनाया दबाव

रूसी सेना के कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों में अब पुतिन अपने देश का पासपोर्ट लागू करवा रहे हैं। यूक्रेन का आरोप है कि उनके लोगों को रूसी सेना जबरन रूस का पासपोर्ट बनवाने को मजबूर कर रही है। रूसी सेना ने अपने कब्जे वाले सभी यूक्रेनी इलाकों में यह दबाव बनाना शुरू किया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 15, 2024 16:05 IST, Updated : Mar 15, 2024 16:13 IST
व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति।
Image Source : PTI व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति।

कीव: रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों में अब लोगों को रूसी पासपोर्ट का इस्तेमाल करना होगा। किसी भी अन्य देश की यात्रा करने के लिए उन्हें रूस के पासपोर्ट की जरूरत होगी। रूसी सैनिक यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में निवासियों पर अब अपना पासपोर्ट स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए ‘साम-दाम-दंड-भेद’ का प्रयोग कर रहे हैं। रूसी सैनिक इन निवासियों से रूस का पासपोर्ट स्वीकार करने के लिए न केवल उनके साथ मारपीट कर रहे हैं, बल्कि उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन भी दे रहे हैं।

एसोसिएटेड प्रेस’ की पड़ताल में पता चला है कि रूस ने पासपोर्ट के बिना जीना असंभव बनाकर, यूक्रेन के अपने कब्जे वाले इलाके में लगभग सभी लोगों पर अपना पासपोर्ट थोप दिया है। वह राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर हजारों लोगों को रूसी नागरिकता अपनाने के लिए उन पर बलप्रयोग कर रहा है। रूसी पासपोर्ट स्वीकार करने का मतलब है कि इस कब्जे वाले क्षेत्र में रह रहे पुरुषों को उसी यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया जा सकता है जो उन्हें मुक्त कराने के लिए जंग लड़ रही है।

रूसी पासपोर्ट से ही तय होगा संपत्ति का स्वामित्व

संपत्ति के स्वामित्व को साबित करने तथा स्वास्थ्य देखभाल और सेवानिवृत्ति आय तक पहुंच बनाने के लिए रूसी पासपोर्ट की आवश्यकता होती है। पासपोर्ट लेने से इनकार करने पर बच्चों की कस्टडी गंवानी पड़ सकती है, जेल हो सकती है या इससे भी खराब कुछ हो सकता है। रूस के एक नए कानून में कहा गया है कि कब्जे वाले क्षेत्र में अगर किसी व्यक्ति के पास एक जुलाई तक रूसी पासपोर्ट नहीं होगा तो उसे ‘‘विदेशी नागरिक’’ मानकर जेल भेजा जाएगा। रूस इन लोगों को प्रलोभन भी दे रहा है जिसमें कब्जे वाले क्षेत्र को छोड़कर रूस आने के लिए पैसा, मानवीय सहायता, सेवानिवृत्त लोगों के लिए पेंशन और नवजात शिशुओं के माता-पिता को पैसा तथा उनके बच्चों को रूस का जन्म प्रमाणपत्र देना शामिल है।

खेरसॉन में रूसी सेना ने यूक्रेनियों को पीटा

यूक्रेन के खेरसॉन क्षेत्र में व्याचेस्लाव रयाबकोव को रूसी सैनिकों द्वारा तीसरी बार पीटे जाने के बाद रूसी पासपोर्ट स्वीकार करने के लिए विवश होना पड़ा। यूक्रेन का यह क्षेत्र रूसी सेना के कब्जे में है। रूस द्वारा जारी प्रत्येक पासपोर्ट और जन्म प्रमाणपत्र से यूक्रेन के लिए अपनी खोई हुई जमीन पर पुन: कब्जा जमाना मुश्किल हो गया है। यूक्रेन के मानवाधिकार लोकपाल दिमित्रो लुबिनेट्स ने कहा, ‘‘यूक्रेन के कब्जे वाले अस्थायी क्षेत्रों में रहने वाली लगभग 100 फीसदी आबादी’’ के पास अब रूसी पासपोर्ट है। (एपी) 

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