नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों की सहायता करने गई भारतीय टीम करीब 13 दिनों तक राहत, बचाव और चिकित्सा कार्यों को अंजाम देने के बाद आज स्वदेश लौट आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट करके सेना के जवानों के साहसपूर्ण कार्य की तारीफ की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से तुर्की को सबसे पहले मदद मुहैया कराई और सेना को भेजकर तुर्की और सीरिया के पीड़ितों की जान बचाने में मदद की, उससे सिर्फ तुर्की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में भारत की साख बढ़ गई है। तुर्की ने भारत की इस मदद के लिए शुक्रिया अदा किया है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ के कार्यों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कई ऐसी दिल को छू लेने वाली तस्वीरें वायरल हुईं जिसमें कभी तुर्किश महिलाएं भारतीय डॉक्टरों का माथा चूमती नजर आईं तो कभी लोग सेना के जवानों को सीने से लगाते दिखे।
तुर्किये में भूकंप के बाद इस्केनदेरु इलाके में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाने वाली भारतीय सेना की मेडिकल टीम अब स्वदेश लौट आई है। भारत ने 6 फरवरी को तीव्र भूकंप से प्रभावित तुर्किये और सीरिया में मदद के लिए बृहद पैमाने पर ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया था। इस भूकंप में 44 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। सेना ने ट्वीट किया, ‘‘ भारतीय सेना की मेडिकल टीम ने इस्केनदेरु, हेते में स्थानीय लोगों के आभार और प्रशंसा के साथ अपनी सेवाएं संपन्न की।
60 पैरा फिल्ड अस्पताल की टीम भूकंप प्रभावित तुर्किये में निस्वार्थ सेवा के बाद भारत लौट रही है।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अलग से कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की अंतिम टीम तुर्किये से लौट चुकी है। बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किये भेजी गई एनडीआरएफ की अंतिम टीम लौट आई है। 151 जवानों और श्वान दस्तों की तीन टीमों ने भूकंप प्रभावित तुर्किये की मदद की।
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