Sunday, December 22, 2024
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पश्चिम अफ्रीकी देशों से नाइजर के संबंध हुए और नाजुक, जुंटा ने फ्रांसीसी राजदूत को दिया 48 घंटे में देश छोड़ने का अल्टीमेटम

नाइजर के जुंटा ने फ्रांसीसी राजदूत को अगले 24 घंटे में देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। इससे फ्रांस में अफरातफरी मच गई है। जुंटा तख्तापलट के बाद से ही बेहद आक्रामक मूड में है और वह अफ्रीकी देशों से लेकर अपने पूर्व सहयोगी रहे फ्रांस तक में से किसी के आदेश को नहीं मान रहा। इससे नाइजर के हालात बेहद नाजुक हो गए हैं।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 26, 2023 14:16 IST, Updated : Aug 26, 2023 14:16 IST
नाइजर की जुंटा आर्मी (फाइल)
Image Source : AP नाइजर की जुंटा आर्मी (फाइल)

नाइजर के जुंटा से पश्चिम अफ्रीकी देश और उसके पूर्व औपनिवेशिक शासक के बीच संबंध और खराब हो गए हैं। इसलिए जुंटा ने शुक्रवार को कहा कि उसने फ्रांसीसी राजदूत सिल्वेन इट्टे को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। जुंटा द्वारा नियुक्त विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजदूत को निष्कासित करने का निर्णय फ्रांसीसी सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों की प्रतिक्रिया है जो "नाइजर के हितों के विपरीत" थीं। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इनमें नाइजर के नए विदेश मंत्री से मिलने के निमंत्रण का जवाब देने से दूत का इनकार करना भी शामिल है।

बता दें कि नाइजर में जुलाई का सैन्य तख्तापलट फ्रांसीसी विरोधी भावना की बढ़ती लहर के बीच हुआ, जिसमें कुछ स्थानीय लोगों ने यूरोपीय देश पर उनके मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। फ्रांसीसी दूत के खिलाफ पेरिस ने जुंटा के उस अल्टीमेटम को तुरंत खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि वह सैन्य शासकों के अधिकार को मान्यता नहीं देता है। फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार शाम एक बयान जारी कर कहा, "पुटचिस्टों के पास यह अनुरोध करने का अधिकार नहीं है, राजदूत की मंजूरी पूरी तरह से वैध निर्वाचित नाइजीरियाई अधिकारियों से आती है।

तख्तापलट से नाइजर और फ्रांस के रिश्ते टूटने की कगार पर

तख्तापलट ने नाइजर के फ्रांस के साथ लंबे समय से चले आ रहे रिश्ते को टूटने की कगार पर पहुंचा दिया है और इस नवीनतम कदम ने संघर्षग्रस्त साहेल क्षेत्र में इस्लामी विद्रोह से लड़ने के लिए संयुक्त सैन्य प्रयासों के भविष्य के बारे में और संदेह पैदा कर दिया है। फ्रांस ने राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को उनके पद से हटने के बाद वापस कार्यालय में लाने का आह्वान किया है और कहा है कि वह तख्तापलट को पलटने के लिए पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक ECOWAS के प्रयासों का समर्थन करेगा। इसने अगस्त की शुरुआत में फ्रांस के साथ कई सैन्य समझौतों को रद्द करने के जुंटा के फैसले को भी आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है, यह कहते हुए कि इन पर नाइजर के "वैध अधिकारियों" के साथ हस्ताक्षर किए गए थे।

बुर्किना फासो में फ्रांसीसी सेना बाहर

नाइजर-फ्रांस संबंधों में गिरावट माली और बुर्किना फासो में तख्तापलट के बाद के हुई घटनाक्रम की प्रतिध्वनि है, जिसने फ्रांसीसी सेनाओं को बाहर कर दिया है और लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को तोड़ दिया है। दुनिया में यूरेनियम के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक और फ्रांसीसी, अमेरिकी और अन्य विदेशी सैनिकों के लिए एक आधार के रूप में नाइजर का रणनीतिक महत्व है जो इस क्षेत्र में इस्लामी आतंकवादी समूहों से लड़ने में मदद कर रहे हैं। अब नाइजर ने अफ्रीकी देशों समेत फ्रांस का भी कोई आदेश मानने को इनकार कर दिया है। दर असल नाइजर में तख्तापलट के बाद सैन्य शासन लागू है।

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