Tuesday, December 24, 2024
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तख्तापलट के बाद और अधिक बिगड़ गए नाइजर के हालात, फ्रांस समेत अन्य यूरोपीय देश अपने नागरिकों को बुला रहे वापस

नाइजर में तख्तापलट के बाद हालात और बिगड़ने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में फ्रांस समेत यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने का प्रयास शुरू कर दिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 01, 2023 23:37 IST, Updated : Aug 01, 2023 23:42 IST
नाइजर में सड़क पर जनता।
Image Source : AP नाइजर में सड़क पर जनता।

नाइजर में तख्तापलट के बाद से पूरी दुनिया की नजर उस पर  है। अफ्रीकी देशों की नाइजर सेना को राष्ट्रपति के बहाली के बाद हालात और बिगड़ सकते हैं। वजह साफ है कि नाइजर सेना ने राष्ट्रपति की दोबारा बहाली के संबंध में कुछ नहीं किया है। इधर अफ्रीकी देशों ने ऐसा नहीं करने पर एक हफ्ते बाद बल प्रयोग की धमकी भी दी थी। ऐसे वक्त में फ्रांस समेत वहां से अपने नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करना चाहते हैं। फ्रांस ने बकायदे इस बात का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि नाइजर के सैन्य तख्तापलट को बागी सैनिकों द्वारा शासित तीन पश्चिमी अफ्रीका देशों का समर्थन मिलने के बाद मंगलवार को फ्रांस वहां (नाइजर) से फ्रांसीसी एवं यूरोपीय नागरिकों को निकालने की तैयारी में जुट गया। उसने अपने नागरिकों से एक छोटे बैग के अलावा और कोई सामान साथ नहीं रखने को कहा है। पेरिस में फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने अपने इस निर्णय का कारण हाल की हिंसा को बताया जिसमें नाइजर की राजधानी नियामी में फ्रांसीसी दूतावास को निशाना बनाया गया था। मंत्रालय ने कहा कि नाइजर के विमानक्षेत्र को बंद किये जाने से ‘ हमारे फ्रांसीसी नागरिकों के लिए अपने साधनों से देश छोड़ना मुश्किल हो गया है।’ नाइजर के लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहमद बाजौम के खिलाफ पिछले सप्ताह तख्तापलट से गहराते संकट के बीच फ्रांसीसी एवं अन्य यूरोपीय लोगों को वहां से निकालने का अभियान शुरू किया जा रहा है।

फ्रांस ने कही ये बात

फ्रांसीसी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह अभियान उन फ्रांसीसी एवं अन्य यूरोपीय नागरिकों के लिए मंगलवार को शुरू हो रहा है जो नाइजर छोड़ना चाहते हैं। उसकी तरफ से और कोई विवरण नहीं दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल नाइजर में सैंकड़ों फ्रांसीसी नागरिकों के होने का अनुमान है। नाइजर की राजधानी नियामी में होटलों में फ्रांसीसी एवं अन्य यूरोपीय नागरिकों ने अपना बैग पैक कर लिया है और वे इस खबर की बाट जोह रहे हैं कि कब और कहां से उन्हें निकालने का अभियान होगा। उनमें ऐसे लोग भी हैं जो सालों से नाइजर में काम कर रहे थे। नाइजर की सेना को प्रशिक्षण देने का काम कर रहे एक फ्रांसीसी पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘ मेरा काम खत्म नहीं हआ है। मैं आशा करता हूं कि यह स्थिति जल्द ही समाप्त होगी और एक दिन हम लौटेंगे। यह बहुत जल्दी हुआ और किसी को ऐसा होने का आभास नहीं था। मैं वाकई चकित हूं।

नाइजर के खिलाफ इन देशों का रहेगा प्रतिबंध

’’ इसीओडब्ल्यूएएस नाम से चर्चित पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय संगठन ने रविवार को नाइजर के विरूद्ध पाबंदियों की घोषणा की और कहा कि यदि तख्तापलट करने वाले नेता एक सप्ताह में बाजौम को उनके पद पर पुन: स्थापित नहीं करते हैं तो वह बलप्रयोग करेगा। इस बीच, एक संयुक्त बयान में माली और बुरकिना फासो की सैन्य सरकारों ने कहा कि ‘नाइजर के खिलाफ किसी भी सैन्य दखल को बुरकिना और माली के विरूद्ध युद्ध की घोषणा माना जाएगा।’’ रविवार को गिनी ने भी नाइजर की सैन्य सरकार के पक्ष में बयान जारी किया और इसीओडब्ल्यूएएस से ‘होश में आने’ की अपील की। फ्रांसीसी दूतावास ने नियामी में फ्रांसीसी नागरिकों को भेजे ईमेल में उन्हें नाइजर से निकालने की योजना की जानकारी दी। संदेश में कहा गया है कि उन्हें विमान से निकाला जाएगा और यह कि फ्रांसीसी नागरिकों की पति/पत्नी एवं बच्चे भी इस योजना के हकदार होंगे। दूतावास ने लोगों से प्रति व्यक्ति छोटा बैग पैक करने तथा अपने साथ पानी , खाना, फोन और बैटरियां लेने को कहा है। (एपी)

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