Tuesday, April 01, 2025
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नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने दिया ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर’, पीएम मोदी ने कहा-ये 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान

नाइजीरिया के राष्ट्रपति अहमद टीनुबू ने अबुजा में प्रधानमंत्री मोदी का अपने आवास पर स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर’ सम्मान से नवाजा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 17, 2024 15:47 IST, Updated : Nov 17, 2024 18:53 IST
पीएम मोदी और नाइजीरिया के राष्ट्रपति अहमद टीनुबू ।
Image Source : PTI पीएम मोदी और नाइजीरिया के राष्ट्रपति अहमद टीनुबू ।

अबुजा: नाइजीरिया नाइजीरिया के राष्ट्रपति अहमद टीनुबू ने अबुजा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। उन्होंने अबुजा में पीएम मोदी की आगवानी की। पीएम मोदी ने नाइजीरिया के दूसरे सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर’ से सम्मानित होने पर राष्ट्रपति अहमद टीनबू का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है। पीएम मोदी यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे विदेशी गणमान्य व्यक्ति बन गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत नाइजीरिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। दोनों देशों के संबंध आने वाले समय में और प्रगाढ़ होंगे। 

प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण के तहत रविवार को नाइजीरिया पहुंचे। यह 17 वर्षों में पहली बार है जब भारत के प्रधानमंत्री नाइजीरिया की यात्रा कर रहे हैं। मोदी नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू के निमंत्रण पर यहां पहुंचे हैं। वह ब्राजील और गुयाना भी जाएंगे। भारत सरकार के अधिकारियों ने बताया कि नाइजीरिया प्रधानमंत्री मोदी को ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर’ (जीसीओएन) पुरस्कार से सम्मानित करेगा।

ब्रिटेन की महारानी को भी मिल चुका है ये सम्मान

अब तक ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ एकमात्र विदेशी हस्ती रही हैं जिन्हें 1969 में जीसीओएन से सम्मानित किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि यह किसी देश द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया जाने वाला 17वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार होगा। प्रधानमंत्री के रविवार को नाइजीरिया पहुंचने पर मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अबुजा शहर की ‘चाबी’ भेंट की। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह ‘चाबी’ प्रधानमंत्री पर नाइजीरिया के लोगों के विश्वास और उनके प्रति सम्मान को प्रदर्शित करती है।

 भारत, नाइजीरिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को उच्च प्राथमिकता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू के साथ वार्ता के दौरान कहा कि भारत, नाइजीरिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को उच्च प्राथमिकता देता है और वह रक्षा, ऊर्जा व व्यापार समेत विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगा। बैठक में टेलीविजन पर अपने उद्घाटन भाषण में मोदी ने आतंकवाद, अलगाववाद, समुद्री डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी को प्रमुख चुनौतियां बताया और कहा कि दोनों देश इनसे निपटने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। मोदी रविवार सुबह अबुजा पहुंचे। यह 17 वर्षों के अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की नाइजीरिया की पहली यात्रा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम नाइजीरिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को उच्च प्राथमिकता देते हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी वार्ता के बाद हमारे संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होगा।”

पीएम मोदी ने नाइजीरिया के लिए किया बड़ा ऐलान

 मोदी ने लगभग 60,000 प्रवासी भारतीयों को भारत-नाइजीरिया संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बताया तथा उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए टिनुबू को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा भी की कि भारत पिछले महीने बाढ़ से प्रभावित नाइजीरियाई लोगों के लिए 20 टन राहत सामग्री भेज रहा है। उन्होंने पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ के स्थायी सदस्य बनने का भी उल्लेख किया और इसे एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले, मोदी और टिनुबू ने राष्ट्रपति भवन में आमने-सामने की बैठक की। प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत भी किया गया।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। मोदी तीन देशों की यात्रा के तहत नाइजीरिया में हैं। वह जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अबूजा से ब्राजील जाएंगे। उनका अंतिम गंतव्य गुयाना होगा। अक्टूबर 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नाइजीरिया यात्रा के दौरान भारत-नाइजीरिया संबंधों को "रणनीतिक साझेदारी" का दर्जा दिया गया था। नाइजीरिया छह दशकों से अधिक समय से भारत का करीबी साझेदार रहा है। भारत ने 1960 में नाइजीरिया के स्वतंत्र होने से दो साल पहले नवंबर 1958 में लागोस में अपना राजनयिक भवन स्थापित किया था। (भाषा)

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