न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने पार्टी की वार्षिक बैठक के दौरान गुरुवार को अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वह अगले महीने इस्तीफा दे देंगी। उन्होंने का कि अब उनके पास इस पद पर बने रहकर जिम्मेदारी निभाने के लिए उर्जा नहीं बची है। प्रधानमंत्री जैसिका अर्डर्न ने अपनी लेबर पार्टी के सदस्यों की एक बैठक में कहा, "मेरे लिए वक्त आ चुका है। अगले चार सालों तक काम करने की मेरे पास क्षमता नहीं है।"
पीएम अर्डर्न ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान उन्होंने इस बात पर विचार किया कि क्या उनके पास देश का नेतृत्व जारी रखने के लिए उर्जा बची है, तो यही निष्कर्ष निकला कि वह नहीं बची है। 2017 में अर्डर्न दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनी थीं। पहले कार्यकाल में उन्हें न्यूजीलैंड के सबसे बुरे आतंकी हमले, ज्वालामुखी विस्फोट और कोरोना महामरी का सामना करना पड़ा था। कोरोना महामारी के दौरान पीएम अर्डर्न के कार्यों की काफी चर्चा हुई थी।
2020 में दूसरी बार जीत हासिल कीं
अर्डर्न ने 2020 में दूसरी बार शानदार जीत हासिल कीं, लेकिन सरकार से खत्म होते भरोसे, बिगड़ती आर्थिक स्थिति और एक पुनरुत्थानवादी रूढ़िवादी विपक्ष से लड़ने के कारण उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई है। 42 वर्षीय अर्डर्न ने गुरुवार को कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे संतोषजनक साढ़े पांच साल रहा है, लेकिन इसके साथ चुनौतियां भी रही हैं।"
प्रधानमंत्री अर्डर्न ने कहा, ''मैं छोड़ रही हूं, क्योंकि ऐसी विशेषाधिकार भूमिका के साथ जिम्मेदारी आती है। यह जानने की जिम्मेदारी कि कब आप नेतृत्व करने के लिए सही शख्स हैं और कब नहीं। मुझे पता है कि इस भूमिका के लिए क्या करना होता है और मैं जानती हूं कि इसके साथ न्याय करने के लिए मेरे पास पर्याप्त ऊर्जा नहीं है।''
'मैं इंसान हूं, नेता इंसान होते हैं'
उन्होंने कहा, ''मैं इंसान हूं, नेता इंसान होते हैं। जब तक हम यह जिम्मेदारी निभाते हैं, हम वो सब करते हैं, जो कर सकते हैं और मेरे लिए फैसला लेने का यही समय वो वक्त है।'' यह पूछे जाने कि न्यूजीलैंड की जनता उनके नेतृत्व को कैसे याद रखेगी, उन्होंने कहा, ''इस रूप में जैसे कोई व्यक्ति हमेशा दयालू होने की कोशिश करता है।" न्यूजीलैंड में इस साल 14 अक्टूबर को आम चुनाव होना है और तब तकअर्डर्न एक निर्वाचित सांसद के रूप में बनी रहेंगी।