आतंकवाद से वैसे तो सभी देश परेशान हैं, लेकिन पश्चिम अफ्रीका इन दिनों आतंक की आग में ज्यादा झुलस रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम अफ्रीका में इस साल के शुरुआती छह महीने में आतंकवादी हमलों की 1,800 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। इस हिसाब से रोजाना पश्चिम अफ्रीका में औसतन 10 आतकंवादी हमले किए गए। इन आतंकी हमलों में करीब 4,600 लोगों की मौत हो गई। एक शीर्ष क्षेत्रीय अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
शीर्ष क्षेत्रीय अधिकारी उमर तौरे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि 15 देशों के ‘पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्रों के आर्थिक समुदाय’ (ईसीओडब्ल्यूएएस) की लगभग 50 लाख आबादी शरणार्थी है और करीब 62 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि तीन करोड़ लोगों तक अंतरराष्ट्रीय सहायता पहुंचनी जरूरी है और ईसीओडब्ल्यूएएस का मानना है कि उन्हें तत्काल खाद्यान्न की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगले महीने तक जरूरतमंद लोगों की यह संख्या बढ़कर 4.2 करोड़ हो जाएगी। तौरे ईसीओडब्ल्यूएएस आयोग के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद, हथियारबंद विद्रोही, संगठित अपराध, सरकार के असंवैधानिक बदलाव, अवैध समुद्री गतिविधियां, पर्यावरण संकट एवं फर्जी खबरों समेत कई कारक क्षेत्र में असुरक्षा को और बढ़ा रहे हैं।
फिर से आतंक पनपने की बढ़ी आशंका
पश्चिम अफ्रीका में जिस तरह से आतंक ने गति पकड़ी है, उससे फिर से आतंक की जड़ें उगने की आशंका बढ़ गई है। उमर तौरे ने कहा कि क्षेत्र तीन देशों माली, बुर्किना फासो और गिनी में सैन्य शासन के बीच आतंकवाद के पुन: पनपने को लेकर चिंतित है। तौरे ने बताया कि जनवरी और 30 जून के बीच पश्चिम अफ्रीका में आतंकवादी हमलों की 1,800 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। उन्होंने बताया कि इस अवधि में हुए आतंकवादी हमलों में 4,593 लोगों की मौत हुई जिनमें बुर्किना फासो में 2,725, माली में 844, नाइजर में 77 और नाइजीरिया में 70 लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि अटलांटिक महासागर के तटवर्ती बेनिन और टोगो में आतंकवादी हमले ‘‘तटीय देशों में आतंकवाद के विस्तार का स्पष्ट संकेत हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जो क्षेत्र के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा करती है। (एपी)
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