नई दिल्लीः विदेश में अच्छी नौकरी करने का झांसा देकर लाओस ले जाए गए भारतीयों के लिए मोदी सरकार एक बार फिर संकटमोचक साबित हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अथक प्रयास से लाओस में फंसे 13 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाया गया है। बता दें कि इन कामगारों को बहला फुसलाकर अवैध रूप से काम के लिए लाओस ले जाया गया था। बाद में उन्हें कठिन श्रम कराने, प्रताड़ना देने और वेतन नहीं मिलने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा था।
यह जानकारी जैसे ही विदेश मंत्रालय को पहुंची, वैसी ही सरकार सक्रिय हो गई। मोदी सरकार के अथक प्रयास से लाओस में फंसे इन 13 भारतीय को बचा लिया गया और उन्हें घर वापस भेजा जा रहा है। लाओस में भारतीय दूतावास ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे पहले पिछले महीने भी इसी लाओस में फंसे 17 अन्य भारतीय कामगारों को बचाया गया और उन्हें भारत वापस लाया गया था। लाओस में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा "सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में भारतीयों की सुरक्षा और हित सुनिश्चित करने के लिए दूतावास ने 13 भारतीयों को सफलतापूर्वक बचाया और वापस लाया गया।
लकड़ी के कारखाने में कराया जा रहा था काम
जिन भारतीयों को वापस लाया गया है, उनसे लाओस के अटापेउ प्रांत में एक लकड़ी के कारखाने में काम कराया जा रहा था। इस जगह काम करने वाले ओडिशा के सात कामगार और बोकेओ प्रांत में स्थित गोल्डन ट्रायंगल एसईजेड में काम करने वाले छह भारतीय युवा शामिल हैं। इन सभी को अब सुरक्षित निकाल लिया गया है। इससे पहले भी सरकार विदेश में फंसे भारतीयों छात्रों और कामगारों को विशेष अभियान के तहत सुरक्षित निकालने में मददगार साबित होती रही है। "(भाषा)