दुबईः रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूक्रेन दौरे के अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं कि दोनों देशों में बड़ा समझौता होने का दावा किया जा रहा है। यह दावा रॉयटर्स की रिपोर्ट में संयुक्त अरब अमीरात की ओर से किया गया है। इसके बाद माना जा रहा है कि शांति वार्ता के लिए रूस और यूक्रेन को बातचीत की मेज पर आने की भूमिका भी इस समझौते के बाद तैयार हो सकती है। फिलहाल ताजा समझौता यूएई की मध्यस्थता में हुआ है।
इस समझौते के बाद रूस और यूक्रेन आज 115-115 कैदियों की अदला-बदली करने के लिए तैयार हैं। यूएई के एक अधिकारी ने कहा, इस महीने यूक्रेन द्वारा रूस के अंदर हमला करने के बाद से कैदियों की पहली ऐसी अदला-बदली है। अमीराती अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बात की, क्योंकि विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं थे। हालांकि इस समझौते को लेकर रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।
पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन से की है युद्ध में शांति की अपील
पीएम मोदी ने भी यूक्रेन और रूस से युद्ध में बातचीत के जरिये शांति की अपील की है। इससे दोनों पक्ष अब लगभग सहमत दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में पीएम मोदी की इस अपील का असर देखने को मिल सकता है। दोनों देश बातचीत को राजी हो सकते हैं। रूस और यूक्रेन दोनों ही इसके लिए भारत की मध्यस्थता पर भरोसा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह सातवां ऐसा आदान-प्रदान होगा, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात ने मध्यस्थता की है। संयुक्त राज्य अमेरिका के करीबी सुरक्षा साझेदार अबू धाबी ने पूरे युद्ध के दौरान मास्को के साथ मधुर संबंध बनाए रखे हैं, जिससे कुछ पश्चिमी अधिकारी निराश हैं। इसने कीव के साथ भी संबंध मजबूत किये हैं।
यूएई करा चुका अब तक 1788 कैदियों की अदला-बदली
रूस और यूक्रेन के मध्य अब तक यूएई 1788 कैदियों की अदला-बदली करा चुका है। यूएई के अधिकारियों का कहना है कि कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं से बात करने की उनकी क्षमता का मतलब है कि वे पार्टियों के बीच प्रभावी ढंग से मध्यस्थता कर सकते हैं। साथ ही सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा दे सकते हैं। 6 अगस्त को यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में एक आश्चर्यजनक हमला किया, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी विदेशी शक्ति द्वारा रूसी क्षेत्र के अंदर सबसे बड़ा हमला था। कीव ने कहा है कि उसने उस क्षेत्र में एक बफर ज़ोन बनाया है, जिसका उपयोग करके रूस ने 2022 में यूक्रेन में हजारों सैनिक भेजे थे। (रायटर्स)
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