Highlights
- लीबिया की सुरक्षा को विदेशी लड़ाकों से गंभीर खतरा है: संयुक्त राष्ट्र
- 2011 में NATO की मदद से हुई क्रांति के बाद सत्ता से हटाए गए थे गद्दाफी।
- गद्दाफी की हत्या के बाद से बद से बदतर होती गई है लीबिया की हालत।
Libya News: संयुक्त राष्ट्र की हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका के सबसे बड़े देशों में शुमार लीबिया की सुरक्षा को विदेशी लड़ाकों से गंभीर खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस देश को विदेशी लड़ाकों के साथ-साथ निजी सैन्य कंपनियां, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाले देश रूस के वैगनर ग्रुप से बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि अक्टूबर 2011 में लीबिया के तत्कालीन शासक मुअम्मर गद्दाफी के खिलाफ विद्रोह और उनकी हत्या के बाद से यह देश नाजुक स्थिति से गुजर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ने मचाई सनसनी
एक्सपर्ट्स ने लीबिया के 7 सशस्त्र समूहों पर कथित विरोधियों को दंडित करने के लिए सुनियोजित ढंग से गैरकानूनी हिरासत का इस्तेमाल करने, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू नागरिक अधिकारों के कानूनों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। एक्सपर्ट्स की एक कमिटी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा, ‘प्रवासी लोग मानवाधिकारों के हनन के प्रति बेहद संवेदनशील रहे हैं और उन्हें नियमित रूप से दासता, बलात्कार और यातना के कृत्यों को सहना पड़ा है।’ संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय जगत में हलचल मची हुई है।
2011 की क्रांति के बाद से बिगड़ते गए हालात
बता दें कि उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया में 2011 में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के समर्थन से पैदा हुई क्रांति के बाद से वहां लगातार हालात बेहद खराब होते चले गए। NATO के द्वारा पोषित की गई इसी क्रांति के जरिए लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से हटा दिया गया था और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी। इसके बाद से ही लीबिया में सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्तर द्वारा समर्थित सरकार और संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रशासन के बीच संघर्ष जारी है। दोनों ही पक्षों को विभिन्न मिलिशिया और विदेशी शक्तियों का समर्थन प्राप्त है।