Kyrgyzstan Indian Students: किर्गिस्तान में रहकर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को हिंसक हमलों का सामना करना पड़ा रहा है। किर्गिस्तान के स्थानीय युवक भारतीय छात्रों को निशाना बनाकर हमले कर रहे हैं। ये हमले खुलेआम हो रहे हैं। किर्गिस्तान का स्थानीय प्रशासन और पुलिस छात्रों पर हमले का तमाशा देख रही है। छात्रों के बचाव के उपाय नहीं किए जा रहे हैं और न ही कोई ठोस एक्शन लिया जा रहा है। ऐसे में निराश होकर भारतीय छात्र स्थानीय दूतावास में गुहार कर रहे हैं। लेकिन उन्हें दूतावास की तरफ से भी पर्याप्त मदद नहीं मिल सकी है। निराश होकर अब छात्रों के अभिभावकों ने भारत सरकार से मदद मांगी है।
भारतीय छात्रों पर खुलेआम हो रहे हमले
गुजरात समेत अन्य राज्यों के काफी छात्र किर्गिस्तान में रहकर पढ़ाई करते हैं। दो दिन पहले पाकिस्तानी छात्रों ने स्थानीय युवकों की हत्या कर दी थी। इससे गुस्साए स्थानीय युवकों ने बालदेश हॉस्टल में घुसकर हमला कर दिया था। पाकिस्तानी छात्रों के साथ-साथ भारतीय युवाओं को भी निशाना बनाया गया। अब भारतीय छात्रों पर भी वहां खुलेआम हमले किए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से इन हमलों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। पुलिस के सामने भारतीय छात्रों पर हमले हो रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने जारी की एजवाइजरी
किर्गिस्तान में स्थानीय लोगों ने तीन पाकिस्तानी छात्रों की पीट-पीटकर हत्या कर दी है। इस बीच भारत सरकार ने किर्गिस्तान में रहकर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों से घरों के अंदर रहने की अपील की है। इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की गई है। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय छात्रों को दूतावास के साथ नियमित संपर्क में रहने की सलाह दी है। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने किर्गिस्तान में बिगड़ते हालात को देखते हुए छात्रों से दूतावास के संपर्क में रहने और घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा है। साथ ही संपर्क नं 0555710041 जारी किया है। इस नंबर पर 24×7 संपर्क किया जा सकता है।
हिंसा की पुख्ता वजह अबतक सामने नहीं आई
किर्गिस्तान में पाकिस्तानी छात्रों के खिलाफ हिंसा भड़कने की कोई पुख्ता वजह सामने नहीं आई है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कुछ स्थानाीय लोगों के साथ छात्रों का झगड़ा हुआ था जिसके बाद हिंसा भड़क गई। किर्गिस्तान की राजधानी में गुस्साई भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। लेकिन भारतीय छात्रों का कहना है कि अभी तक उन्हें स्थानीय प्रशासन से कोई खास मदद नहीं मिल पाई है।