तुर्की ने हाल में ही इस्तांबुल की सड़क पर हुए भीषण धमाके का बदला लेने के लिए सीरिया और इराक के कुर्द इलाकों पर हवाई हमले किए थे। हालांकि सड़क पर हुए धमाके की जिम्मेदारी कुर्द लड़ाकों ने नहीं ली। बावजूद इसके तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने इसके लिए कुर्दों को ही जिम्मेदार ठहराया था। तुर्की की तरफ से कहा गया कि उसे हमला करने का शक पीकेके यानी कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी पर है। कुर्दों से बदला लेने के लिए ही इन दो देशों पर बम गिराए गए थे। लेकिन अब कुर्द लड़ाकों ने भी अपना बदला ले लिया है। सीरिया में संदिग्ध कुर्द लड़ाकों ने सोमवार को तुर्की में सीमा पार रॉकेट दागे, जिससे कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
कुर्द लड़ाकों को तुर्की आतंकवादी कहकर संबोधित करता है। ‘अनादोलू’ समाचार एजेंसी के मुताबिक कारकामिस शहर में रॉकेट हमले में उच्च विद्यालय का एक भवन और दो अन्य मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके साथ ही तुर्की-सीरिया सीमा द्वार के पास एक ट्रक को भी निशाना बनाया गया। तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि मृतकों में एक शिक्षक और एक बच्चा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एक रॉकेट स्कूल के मैदान में गिरा, लेकिन वहां कोई हताहत नहीं हुआ है।
सैनिक सहित आठ लोग घायल हुए
सोयलू ने कहा कि किलिस में सीमावर्ती इलाके को निशाना बनाकर संदिग्ध कुर्द आतंकियों की अलग-अलग गोलाबारी में एक सैनिक और सात पुलिस अधिकारी घायल हो गए। उन्होंने कहा कि तुर्की हमलों का करारा जवाब देगा। रॉकेट हमले तुर्की द्वारा कुर्द समूहों को लक्षित कर सीरिया और इराक के उत्तरी क्षेत्रों पर घातक हवाई हमले शुरू करने के कुछ दिनों बाद हुए हैं। तुर्की ने इस्तांबुल में 13 नवंबर के बम हमले के लिए कुर्द समूहों को जिम्मेदार ठहराया है।
इस्तांबुल में 13 नवंबर को मुख्य सड़क पर बम हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी और 80 से ज्यादा घायल हुए थे। तुर्की के अधिकारियों ने आतंकी समूह पीकेके और उसके सीरियाई सहयोगी वाईपीजी पर हमले का आरोप लगाया। हालांकि, कुर्द आतंकवादी समूहों ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है।