रूस-यूक्रेन युद्ध मामले में भ्रामक जानकारी देना गूगल को महंगा पड़ गया है। यूक्रेन संघर्ष से जुड़ी एक जानकारी को रूस की अदालत ने भ्रामक माना है। साथ ही गूगल पर भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया है। रूसी अदालत के अनुसार गूगल ने गलत जानकारी परोसी है और भ्रामक वीडियो को हटाया भी नहीं गया है। तथ्यों की पड़ताल करने पर रूसी अदालत ने गूगल को गुमराह करने वाली सूचना जारी करने का दोषी पाया है। इसलिए जुर्माना लगाने की कार्यवाही की है। आइये आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या।
दरअसल रूस की एक अदालत ने यूक्रेन में संघर्ष के बारे में कथित रूप से गलत जानकारी जारी की थी, जिसे रिमूव करने का आदेश भी दिया गया था। मगर रूसी अदालत के अनुसार तथाकथितरूप से इस भ्रामक कंटेंट को हटाने में विफल रहने के लिए गूगल पर बृहस्पतिवार को 30 लाख रूबल यानि 32,000 डॉलर का जुर्माना लगाया। रूसी मीडिया की खबरों के अनुसार अदालत ने पाया कि गूगल के स्वामित्व वाली यूट्यूब वीडियो सेवा ने संघर्ष के बारे में ‘गलत जानकारी’ वाले वीडियो को नहीं हटाया है। समाचार एजेंसियों के अनुसार गूगल को उन वीडियो को नहीं हटाने का भी दोषी पाया गया, जो नाबालिगों के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
एप्पल और विकिपीडिया पर लग चुका है जुर्माना
रूस की एक अदालत ने यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाइयों के बारे में ‘‘झूठी जानकारी’’ समझी जाने वाली सामग्री को हटाने में विफल रहने के लिए एप्पल और विकिपीडिया पर भी अगस्त की शुरुआत में जुर्माना लगाया था। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजने के बाद से, सैन्य अभियान की किसी भी आलोचना या सवाल उठाने वालों को दंडित करने के लिए कई उपाय किए हैं। कुछ आलोचकों को कड़ी सजा मिली है। विपक्षी नेता व्लादिमीर कारा-मुर्जा को इस साल यूक्रेन में रूस की कार्रवाई के खिलाफ दिये गये भाषणों के कारण राजद्रोह के लिए 25 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।(एपी)
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