Friday, September 27, 2024
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तेजी से बदल रहा कश्मीर, मगर 57 इस्लामिक देशों को चुभ रहा PM मोदी का 370 वाला तीर; जानें किया क्या ऐलान

जम्मू-कश्मीर विधान सभा चुनाव के दौरान कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले ने काफी तूल पकड़ा लिया है। अगस्त 2019 में किए गए मोदी सरकार के इस फैसले से इस्लामिक देशों में खलबली मची है। मगर वह ज्यादा कुछ कर नहीं पा रहे हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: September 27, 2024 6:56 IST
पीएम मोदी और इस्लामिक देश। - India TV Hindi
Image Source : PTI पीएम मोदी और इस्लामिक देश।

पाकिस्तान (इस्लामाबाद): जम्मू-कश्मीर में चल रहे चुनाव के दौरान कश्मीर से 370 हटाए जाने का मुद्दा बहुत गरमा गया है। वर्ष 2019 में पीएम मोदी का कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का यह फैसला इस्लामिक संघ (ओआईसी) के 57 देशों को तीर की तरह चुभ रहा है। इस कड़ी में पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि कश्मीर पर ओआईसी संपर्क समूह ने कश्मीरी लोगों के प्रति अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की है और भारत से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार इस मुद्दे का समाधान करने को कहा है।

बता दें कि भारत ने पहले भी मुस्लिम बहुल देशों के 57 सदस्यीय इस समूह पर निशाना साधते हुए कहा था कि ओआईसी जैसे निकायों को निहित स्वार्थों के लिए देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के वास्ते अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि ओआईसी को जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है।

इस्लामिक देशों की एकजुटता के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर जारी किया बयान

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के संपर्क समूह की बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान बैठक हुई। बयान के अनुसार ओआईसी महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संपर्क समूह के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें पाकिस्तान, सऊदी अरब, तुर्किये, नाइजर और अजरबैजान शामिल हैं। कश्मीरी लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल भी इसमें शामिल हुआ। बैठक में एक संयुक्त बयान पारित किया गया जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुसार आत्मनिर्णय के अधिकार को हासिल करने के लिए कश्मीरी लोगों के ‘‘वैध संघर्ष’’ के लिए ओआईसी के निरंतर समर्थन की पुष्टि की गई।

संयुक्त बयान में इस्लामिक देशों ने क्या कहा

संयुक्त बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता कश्मीर मुद्दे के अंतिम समाधान पर निर्भर है। इसमें कई कश्मीरी राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने और कश्मीरी कार्यकर्ताओं की संपत्ति जब्त करने के कथित अभियान की भी निंदा की गई है। इसमें दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में चुनावी गतिविधियां आत्मनिर्णय के अधिकार की जगह नहीं ले सकतीं। ओआईसी एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दा शहर में है। यह संगठन आमतौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है और कश्मीर मुद्दे पर अक्सर इस्लामाबाद का पक्ष लेता रहा है। (भाषा) 

 

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