जापान में अब लिंग परिवर्तन कराने वालों के लिए बड़ी खबर है। जापान की सुप्रीम कोर्ट ने लिंग परिवर्तन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल जापान के उच्चतम न्यायालय ने उस कानून को बुधवार को असंवैधानिक करार दिया, जिसके तहत ट्रांसजेंडर लोगों को आधिकारिक दस्तावेजों में अपना लिंग बदलवाने के लिए अपने प्रजनन अंग हटवाने की जरूरत थी। शीर्ष अदालत की 15 न्यायाधीशों की वृहद पीठ का यह फैसला 2003 के इस कानून की संवैधानिक वैधता पर पहला फैसला है, जिसके तहत सरकारी मान्यता प्राप्त लिंग परिवर्तन के लिए प्रजनन अंग हटवाना आवश्यक था।
अंतरराष्ट्रीय अधिकार संगठन और चिकित्सा समूह इस कानून को अमानवीय और पुराना करार देते हुए लंबे समय से इसकी आलोचना कर रहे थे। पीठ ने एक वादी द्वारा पारिवारिक रजिस्ट्री की लिंग श्रेणी में उसका लिंग जैविक रूप से निर्दिष्ट पुरुष से बदलकर महिला करने के अनुरोध वाली याचिका पर यह फैसला सुनाया। निचली अदालतों ने वादी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने शीर्ष अदालत का रुख किया था।
एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए है अहम फैसला
यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब जापान में एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय के लोगों से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूकता बढ़ गई है। इस फैसले को समुदाय के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। जापान में पारिवारिक रजिस्ट्री और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों में जैविक रूप से निर्दिष्ट लिंग बदलवाने की इच्छा रखने वाले ट्रांसजेंडर लोगों के लिए अभी तक लिंग पहचान विकार से ग्रसित होने की पुष्टि हासिल करना और अपने प्रजनन अंग हटवाने से जुड़ी सर्जरी से गुजरना अनिवार्य था। (एपी)
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