Istanbul Blast: तुर्की के इस्तांबुल में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई है जबकि 81 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति ने इस धमाके को आतंकी हमला करार दिया है। तुर्की की मीडिया के हवाले से खबर आ रही है कि एक महिला हमलावर ने बम से धमाका किया। इस महिला को लेकर अभी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। ये धमाका इस्तांबुल के भीड़-भाड़ वाले इलाके में हुआ। ब्लास्ट के बाद जो तस्वीरें आईं वो बेहद ही परेशान करने वाली थीं। ब्लास्ट के बाद अफरा-तफरी मच गई।
तुर्की के राष्ट्रपति ने ‘‘घिनौना हमला’’ करार दिया
बताया जा रहा है कि घायलों की संख्या अभी और ज्यादा हो सकती है। इस्तांबुल के तक्सीम स्क्वॉयर पर भीड़-भाड़ वाली जगह को टारगेट करके ये ब्लास्ट किया गया है। फुटपाथ पर बम को प्लांट किया गया था। तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने इस विस्फोट को एक ‘‘घिनौना हमला’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी। एर्दोआन ने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस वारदात से ‘‘आतंकवाद की बू’’ आती है, पर इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।
इस्तांबुल बम विस्फोट का जिम्मेदार गिरफ्तार
एएफपी न्यूज एजेंसी ने गृह मंत्री के हवाले से कहा कि इस्तांबुल बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार व्यक्ति गिरफ्तार कर लिया गया है। तुर्की के मंत्री ने इस्तांबुल बॉम्बिंग पर कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) पर आरोप लगाया है। जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार को इंडोनेशिया रवाना हुए एर्दोआन ने बताया कि हमले में छह लोगों की जान चली गई। तुर्की के उपराष्ट्रपति फुएट ओक्टे ने बताया कि 81 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि यह एक आतंकवादी हमला प्रतीत होता है। इस्तिकलाल एवेन्यू में रविवार को हुए विस्फोट के बाद अफरा-तफरी मच गई थी। घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए थे।
विस्फोट की ‘‘रिपोर्टिंग’’ पर अस्थायी रूप से रोक
हालांकि, तुर्की की मीडिया निगरानी संस्था ने विस्फोट की ‘‘रिपोर्टिंग’’ पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। इस कदम से प्रसारक विस्फोट के दौरान और उसके बाद के वीडियो नहीं दिखा पाएंगे। रेडियो और टेलीविज़न की सर्वोच्च परिषद ने पहले भी हमलों और दुर्घटनाओं के बाद इस तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। गौरतलब है कि तुर्की में 2015 से 2017 के बीच कई बार विस्फोट हुए, जिनमें से कई को इस्लामिक स्टेट और कुर्दिश समूहों ने अंजाम दिया था।