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इजराइल की नई सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी, न्यायिक व्यवस्था में बदलाव को लेकर विरोध में हजारों लोग

इजराइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली नई सरकार द्वारा न्यायिक व्यवस्था में बदलाव लाने संबंधी योजना का विरोध करने के लिए हजारों इजराइली नागरिक शनिवार रात तेल अवीव में इकट्ठा हुए।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jan 22, 2023 6:52 IST, Updated : Jan 22, 2023 6:52 IST
नेतन्याहू सरकार के खिलाफ विरोध में उतरे हजारों लोग
Image Source : AP नेतन्याहू सरकार के खिलाफ विरोध में उतरे हजारों लोग

इजराइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली नई सरकार द्वारा न्यायिक व्यवस्था में बदलाव लाने संबंधी योजना का विरोध करने के लिए हजारों इजराइली नागरिक शनिवार रात तेल अवीव में इकट्ठा हुए। इजराइली मीडिया ने पुलिस का हवाला देते हुए बताया कि लगभग 1 लाख लोग प्रदर्शन कर रहे थे। नेतन्याहू ने विरोध के बावजूद न्यायिक व्यवस्था में बदलाव लाने का संकल्प लिया है। नेतन्याहू की सरकार पर दबाव तब बना, जब देश के अटॉर्नी जनरल ने नेतन्याहू को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद एक प्रमुख कैबिनेट सहयोगी को बर्खास्त करने को कहा। 

विरोध के बावजूद बदलाव कर रहे नेतन्याहू 

इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने नेतन्याहू के कैबिनेट सहयोगी को कर अपराधों की सजा के कारण सरकारी पद पर आसीन होने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। वहीं कड़े विरोध के बावजूद भी नेतन्याहू सरकार देश की न्यायिक प्रणाली में बदलाव की दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि शीर्ष कानूनी अधिकारियों की तीखी आलोचना और विरोध के बावजूद सरकार की योजना है कि देश की न्यायिक प्रणाली में बदलाव किये जाएं। नेतन्याहू ने कानूनी बदलावों को अपनी नई सरकार के एजेंडे का केंद्र बिंदु बना दिया है। 

न्यायिक प्रणाली में इन बदलावों को लेकर विरोध
दरअसल, इजराइल की न्यायिक प्रणाली में प्रस्तावित बदलाव से सुप्रीम कोर्ट की शक्ति कम हो जाएगी, सांसद सामान्य बहुमत से उन कानूनों को पारित कर सकेंगे, जिन्हें अदालत ने निरस्त कर दिया होगा। इसके अलावा न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार को अधिक शक्ति मिल जाएगी और सरकारी कानूनी सलाहकार की स्वतंत्रता सीमित हो जाएगी। यही वजह है कि प्रस्तावित बदलाव को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के एक शीर्ष न्यायाधीश ने प्रस्तावित बदलावों की आलोचना करते हुए इसे न्यायिक प्रणाली पर अनियंत्रित हमला करार दिया। 

"न्यायिक प्रणाली में बदलाव के वादे पर लोगों ने दिए वोट"
विरोध के बावजूद, नेतन्याहू ने मंत्रिमंडल की एक बैठक में कहा कि मतदाताओं ने न्यायिक प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन के वादे के समर्थन में नवंबर के चुनावों में मतदान किया था। नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हम न्यायिक प्रणाली में इस तरह से बदलाव करेंगे, जिससे व्यक्तिगत अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे और न्याय प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल होगा।’’ नेतन्याहू और उनके सहयोगी इन बदलावों को शासन की प्रक्रिया को आसान बनाने के तरीके के रूप में देख रहे हैं।

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