काहिराः इजरायली सेना ने गाजा पट्टी और मिस्र के बीच सीमा पर एक बफर जोन पर नियंत्रण कर लिया है। इससे हमास आतंकियों में खलबली मच गई है। इसके साथ ही इजरायली सैनिक अब रफाह के अंदर तक टैंक लेकर घुस चुके हैं। साथ ही उन्होंने रफाह में भीतर तक छापेमारी और गोलीबारी अभियान चलाया है। इजरायल की सेना ने बुधवार को कहा, उसको फिलिस्तीनी क्षेत्र की सीमा पर संपूर्ण भूमि पर प्रभावी नियंत्रण मिल गया है। बता दें कि इजरायल ने गाजा के रफाह पर यह नियंत्रण अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के उस आदेश के बाद किया है, जिसमें रफाह पर हमले तत्काल रोकने का आदेश दिया गया था।
इजरायली सैनिकों ने रफाह शहर पर हमले बंद करने के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के बावजूद दक्षिणी गाजा में रफाह पर घातक हमले जारी रखा है। यह वही जगह है, जहां पहले गाजा के 23 लाख लोगों में से आधे ने शरण ली थी। मुख्य सैन्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने एक टेलीविजन ब्रीफिंग में कहा कि इजरायली सेना ने गाजा पट्टी की एकमात्र सीमा के साथ 14 किमी लंबे (9 मील) गलियारे के लिए इजरायली सेना के कोड नाम का उपयोग करते हुए मिस्र "फिलाडेल्फी कॉरिडोर" पर "परिचालन" नियंत्रण हासिल कर लिया है।
फिलाडेल्फी पर नियंत्रण से इजरायली सेना को मिली ताकत
हागारी ने कहा, "फिलाडेल्फी कॉरिडोर हमास के लिए ऑक्सीजन लाइन के रूप में काम करता था, जिसका इस्तेमाल वह नियमित रूप से गाजा पट्टी के क्षेत्र में हथियारों की तस्करी के लिए करता था।" सशस्त्र फिलिस्तीनी समूह हमास इसी अवरुद्ध क्षेत्र पर शासन करता है। हालांकि हगारी ने यह नहीं बताया कि "ऑपरेशनल" नियंत्रण का क्या मतलब है। गाजा के दक्षिणी किनारे पर मिस्र के साथ लगी गाजा पट्टी सीमा की एकमात्र भूमि यही थी, जिसे इज़रायल ने अब तक सीधे नियंत्रित नहीं किया था। इजरायल ने इससे पहले रफाह में हमले के लिए बुधवार को टैंक भेजे थे। वह भी तब जब संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने रफाह शहर पर हमले को तुरंत रोकने का आदेश दिया था।
रफाह के लोगों की सुरक्षा को लेकर भी इजरायल चुप
विश्व न्यायालय ने कहा कि इज़रायल ने यह नहीं बताया कि वह रफाह से निकाले गए लोगों को कैसे सुरक्षित रखेगा। उन्हें भोजन, पानी और दवा कैसे प्रदान करेगा। वहीं विश्व न्यायालय ने हमास से 7 अक्टूबर को बंधक बनाए गए इजरायलियों को तुरंत और बिना शर्त रिहा करने का भी आह्वान किया। रफाह निवासियों ने कहा कि इजरायली टैंक मिस्र के साथ सीमा पर बफर जोन की ओर पीछे हटने से पहले पश्चिम में तेल अल-सुल्तान और यिब्ना और केंद्र में शबौरा के पास घुस गए हैं। (रायटर्स)
यह भी पढ़ें
ब्रिटेन में जुलाई में होने वाले आम चुनाव से पहले अश्वेत महिला सांसद को लेकर विवाद, जानें पूरा मामला