जो बाइडेन जब से राष्ट्रपति बने हैं, तभी से अमेरिका के उन देशों से भी रिश्ते बिगड़ रहे हैं, जिनके साथ उसकी अच्छी भली दोस्ती रही है। ऐसे देशों की लिस्ट में सऊदी अरब के बाद इजरायल का नाम जुड़ सकता है। अमेरिका ने कुछ ऐसा किया है, जिसे इजरायल ने बड़ी गलती बताया है। इजरायल ने सोमवार को पुष्टि की कि अमेरिका के न्याय विभाग ने अल जजीरा की पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की मौत मामले की जांच शुरू कर दी है। अकलेह एक जानी-मानी अमेरिकी-फिलस्तीनी पत्रकार थीं। वह इस साल मई में वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की छापेमारी के दौरान मारी गई थीं।
इजरायल ने अकलेह की मौत की जांच करने के अमेरिकी फैसले को ‘बड़ी गलती’ करार दिया है। उसने कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं करेगा। इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंत्ज ने कहा, “शिरीन अबू अकलेह की दुखद मौत की जांच करने का अमेरिकी न्याय विभाग का फैसला एक बड़ी गलती है। आईडीएफ ने एक पेशेवर, स्वतंत्र जांच की है, जिसकी जानकारी अमेरिकी अधिकारियों के साथ साझा की गई थी।” उन्होंने कहा, “मैंने अमेरिकी प्रतिनिधियों को संदेश भेजा है कि हम आईडीएफ के सैनिकों के साथ खड़े हैं। हम किसी भी बाहरी जांच में सहयोग नहीं करेंगे। हम इजरायल के आंतरिक मामलों में किसी को भी हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे।”
अंतरराष्ट्रीय अदालत पहुंचा था मामला
इससे पहले वकीलों और विभिन्न पैरवी करने वाले समूहों के गठबंधन ने कहा था कि उसने अल जजीरा की महिला पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की हत्या का मामला उनके परिवार की ओर से अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) के पास भेजा है। गठबंधन ने आईसीसी में दी गई अर्जी में अभियोजकों से प्रकरण की जांच करने की मांग की है और दावा किया गया है कि इजरायल ने जानबूझकर अनुभवी पत्रकार की हत्या की। फलस्तीनी अधिकारियों ने बताया कि अबू अकलेह के परिवार और अल जजीरा ने इजरायल पर जानबूझकर 51 वर्षीय पत्रकार को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि वेस्टबैंक में इस साल के मई महीने में जब अकलेह को गोली मारी गई तो वह हेलमेट और सुरक्षा जैकेट पहनी हुईं थीं, जिसपर स्पष्ट रूप से प्रेस लिखा था।
जानबूझकर की गई हत्या बताया
अंतरराष्ट्रीय शोध समूह ने इस गोलीकांड के संबंध में अपनी जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है। इजरायली सैनिक द्वारा कथित तौर पर चलाई गई गोली से अकलेह की मौत हो गई थी। समूह का कहना है कि जिस समय और जहां पर गोली मारी गई है, उससे प्रतीत होता है कि यह जानबूझकर की गई हत्या है। इजरायल ने स्वीकार किया है कि संभव है कि उसके सैनिकों की गोली से अबू अकलेह की मौत हुई है, लेकिन उसने जानबूझकर घटना को अंजाम देने के आरोपों से इनकार किया है।