इजराइल की पुलिस ने फलस्तीनियों के साथ झड़प के दो दिन बाद यरुशलम के संवेदनशील धार्मिक स्थल अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रवेश किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने रविवार तड़के ही मस्जिद के बाहर के क्षेत्र में मौजूद फलस्तीनियों को बाहर निकाल दिया, जबकि दर्जनों फलस्तीनी नारे लगाते हुए इमारत के अंदर डटे रहे।
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस ने कम से कम दो फलस्तीनियों को गिरफ्तार किया है। इस बीच, इजराइली पुलिस ने कहा कि उसने धार्मिक स्थल पर यहूदियों की नियमित यात्रा को सुगम बनाने के लिए उसमें प्रवेश किया। अधिकारियों ने दावा किया कि फलस्तीनियों ने हिंसा होने के अंदेशे को लेकर पत्थर जमा कर रखे थे और अवरोधक लगा दिए थे।
अधिकारियों ने कहा कि वे यहूदियों और मुसलमानों के लिए इबादत की स्वतंत्रता को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अल-अक्सा मस्जिद को इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यह यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल भी है, जिसे समुदाय के लोग ‘टेंपल माउंट’ कह कर पुकारते हैं। अल-अक्सा मस्जिद लंबे समय से इजराइल-फलस्तीनी विवाद का केंद्र रही है।
पिछले साल यरुशलम में इजराइली सुरक्षा बलों और फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के उग्रवादियों के बीच 11 दिनों के युद्ध में बदल गया था। पुलिस ने यह भी कहा कि पत्थर फेंकने वालों ने ओल्ड सिटी के पास पूर्वी यरुशलम में बसों पर हमला किया था। इसमें यहूदियों को लेकर जा रहीं कई बसें क्षतिग्रस्त हो गईं और पुलिस ने कहा कि कुछ यात्रियों को हल्की चोट आई है।
फलस्तीनियों के साथ उनका संघर्ष हुआ
पुलिस ने कहा कि उसने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश कर रही है। पुलिस ने कहा कि फलस्तीनियों ने यहूदी धार्मिक स्थल के निकट स्थित ‘वेस्टर्न वॉल’ की दिशा में पत्थर फेंके थे, जिसके बाद शुक्रवार तड़के यहां झड़प शुरू हो गई थी। अधिकारियों के अनुसार, सुबह की नमाज के तुरंत बाद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने मस्जिद परिसर में प्रवेश किया और इस दौरान दर्जनों फलस्तीनियों के साथ उनका संघर्ष हुआ।
इस साल मुसलमानों का पाक महीना रमजान, ईसाइयों का पवित्र सप्ताह ईस्टर रविवार को समाप्त हो रहा है और सप्ताह भर का ‘यहूदी पासओवर’ (यहूदियों का त्योहार) इसी समय हो रहा है, जिसके चलते कोरोना वायरस को लेकर लगे प्रतिबंध हटने के बाद शहर में हजारों लोग आए थे।
इजराइल ने 1967 के युद्ध के बाद पूर्वी यरुशलम पर कब्जा किया है, जिसमें वेस्ट बैंक और गाजा के साथ लगती ओल्ड सिटी भी शामिल है। फलस्तीनी तीनों क्षेत्रों में भविष्य का राज्य बनाना चाहते हैं। इजराइल ने पूर्वी यरुशलम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं होने के कारण कब्जा कर लिया और वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बस्तियों का निर्माण और विस्तार कर रहा है।
इस्लामी चरमपंथी समूह हमास के नियंत्रण में गाजा है, जो 2007 में क्षेत्र की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से इजराइल और मिस्र के निशाने पर है। फलस्तीनियों को लंबे समय से डर है कि इजराइल अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर कब्जा करने या इसे विभाजित करने की योजना बना रहा है।
इजराइल के अधिकारियों का कहना है कि वे यथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राष्ट्रवादी और धार्मिक यहूदियों के बड़े समूहों ने नियमित रूप से पुलिस सुरक्षा में स्थल का दौरा किया है, जिसे फलस्तीनी एक उकसावे के रूप में देखते हैं।