यरुशलम: ईरान की तरफ से किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद इजराइल ने अभी तक किसी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं की है। फिलहाल पहली नजर में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इजराइल शांत है लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक। इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने करीबी सहयोगी देशों की ओर से संयम बरतने की अपील को खारिज करते हुए कहा है कि उनका देश यह तय करेगा कि ईरान की ओर से किए गए हमलों का जवाब कैसे दिया जाए। इजराइल ने ईरान के हमलो का जवाब देने का संकल्प लिया लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह जवाब कब और कैसे दिया जाएगा।
'अपने फैसले खुद लेंगे'
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को अपनी कैबिनेट की बैठक में कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं, हम अपने निर्णय स्वयं लेंगे। इजराइल अपनी रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा वह करेगा।’’ देखने वाली बात यह है कि इजराइल के सहयोगी उससे आग्रह कर रहे हैं कि वह ऐसी किसी भी प्रतिक्रिया से दूर रहे जो संघर्ष को और बढ़ा सकती है।
जंग के मुहाने पर मध्य पूर्व
नेतन्याहू की यह टिप्पणी बुधवार को ब्रिटेन और जर्मनी के विदेश मंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद सामने आई है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन और जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक इजराइल पहुंचे थे। दोनों नेताओं ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात की है। जर्मनी और ब्रिटेन ने इजराइल से संयम बरतने की अपील की है और कहा है कि ईरान के साथ किसी भी तरह शत्रुता मध्य पूर्व को जंग में झोंक सकती है।
कैसे शुरू हुआ यह सब
गौरतलब है कि, पिछले साल अक्टूबर में गाजा पट्टी पर शासन कर रहे हमास के लड़ाकों ने इजराइल पर हमला कर करीब 1200 लोगों की हत्या कर दी थी और कई लोगों को बंधक बना लिया था। इसके जवाब में इजराइल ने सैन्य अभियान शुरू किया जो अब भी जारी है। ईरान की ओर से इजराइल पर किए गए हमलों के बाद अब हालात बिगड़ते जा रहे हैं और जंग के विकराल रूप लेने की आशंका पैदा हो गई है।
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