Highlights
- एक बार फिर से फिलिस्तीन की तरफ से इजराइल के गाजा पट्टी में रॉकेट दागा गया
- इजराइली सेना ने कहा कि एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइल को बीच में ही रोक लिया
- किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं, हमले को लेकर फिलिस्तीनी समूह ने किया इंकार
Israel-Palestine Conflict: अभी इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध को समाप्त हुए ज्यादा दिन हुए भी नहीं थे कि फिलिस्तीन लड़ाकों ने गाजा-इजराइल बॉर्डर पर दो महीने की शांति के बाद शनिवार को दक्षिणी इजराइल में फिर से रॉकेट दाग दिया। इजराइली सेना ने कहा कि एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइल को बीच में ही रोक लिया। इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। फिलहाल किसी फिलिस्तीनी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इजराइल के कब्जे में आने वाली गाजा-पट्टी पर होने वाले हमले को लेकर हमेशा हमास समूह को जिम्मेदार ठहराता है। इससे पहले, शुक्रवार को इजराइली सेना ने वेस्ट बैंक में एक हमला किया था, जिसमें तीन फलस्तीनी मारे गए थे और आठ अन्य घायल हो गए थे। माना जा रहा है कि संभवत: इसी हमले के जवाब में गाजा से रॉकेट दागा गया है।
क्यों है इजराइल और फिलिस्तीन के बीच तनातनी
इजराइल-फिलिस्तीन विवाद यरूशलम के प्रतीक और भूमि को लेकर सदियों से चली आ रही है। 1948 से पहले जब इजराइल और अरब के बीच युद्ध हो रहा था तभी इजराइल ने शहर के पश्चिमी आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया और जॉर्डन ने बचे आधे पूर्वी हिस्से पर कब्जा कर लिया। बाद में इजराइल ने इसे भी अपने कब्जे में ले लिया। तभी से इजराइल यरूशलम में अपने क्षेत्र के विस्तार को बढ़ाना चाहता है लेकिन फिलिस्तीन यरूशलम को अपनी राजधानी बनाना चाहता है। इजराइल यरूशलम को अपना हिस्सा मानता है जबकि फिलिस्तीन हमेशा से इसका विरोध करते आ रहा है।
अल- अक्शा मस्जिद से भी जुड़ा है विवाद
अल-अक्शा मस्जिद यरूसलम में स्थित है और यह इस्लाम धर्म के लिए मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। फिलिस्तीन में सबसे ज्यादा आबादी मुस्लमानों की है और वह यरूशलम को अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं। यह मस्जिद हमेशा से विवादित रही है क्योंकि यहूदी लोग इसे अपने मंदिर होने का दावा करते हैं। यहूदियों का दावा है कि यरूशलम में 957 ईशा पूर्व पहला यहूदी मंदिर बनवाया गया था। बाद में 702 ईशा पूर्व मुस्लिमों ने 'मस्जिद अल-अक्सा'का निर्माण कराया और तब से लेकर अब तक यहूदी इसी 'मस्जिद अल-अक्सा'की पश्चिमी दिवार को पूजते हैं। मस्जिद अल- अक्सा और यरूसलम यहूदी और मुसलमानों के लिए संघर्ष स्थल रहा है।