हेग: दक्षिण अफ्रीका द्वारा गाजा में तत्काल संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में अपील किए जाने के बाद इजराइल अब शुक्रवार को अदालत में नरसंहार के आरोपों का जवाब देगा। दक्षिण अफ्रीका ने इजराइल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में दिसंबर में याचिका दायर की थी जिसके बाद बृहस्पतिवार को अदालत ने गाजा में जारी संघर्ष को लेकर तीसरी बार सुनवाई की। दक्षिण अफ्रीका ने अदालत को बताया कि गाजा में स्थिति एक नए और भयावह चरण पर पहुंच गई है।
गाजा पट्टी से बिना शर्त हटे इजराइल
दक्षिण अफ्रीका ने 15 न्यायाधीशों की पीठ से तत्काल कार्रवाई की अपील की। नीदरलैंड में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत वुसिमुजी मदोन्सेला ने न्यायाधीशों की पीठ से अपील की है कि वो इजराइल को गाजा पट्टी से पूरी तरह और बिना शर्त हटने का आदेश दें। दक्षिण अफ्रीका ने इजराइल की जांच के लिए आईसीजे से चार अनुरोध किए हैं। हालिया अनुरोध के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका का कहना है कि रफह में इजराइल की सैन्य घुसपैठ से गाजा में फलस्तीन के लोगों के अस्तित्व के लिए खतरा है।
इजराइल ने खारिज किए आरोप
बता दें कि, इस साल की शुरुआत में सुनवाई के दौरान इजराइल ने गाजा में नरसंहार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। इजराइल ने कहा था कि वह हरसंभव प्रयास करता है कि आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हो और वह केवल हमास के आतंकवादियों को निशाना बना रहा है। जनवरी में न्यायाधीशों ने इजराइल को आदेश दिया था कि वह गाजा में लोगों की मौत, विनाश और नरसंहार की किसी भी घटना को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करे लेकिन पीठ ने सैन्य हमले को रोकने का आदेश नहीं दिया था।
क्या है ICJ का काम
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा है और इसकी स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा की गई थी। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अप्रैल 1946 में काम करना शुरू किया था। इसका मुख्य काम देशों के बीच विवादों को निपटाना है। इसका मुख्यालय नीदरलैंड्स के हेग में स्थित है और इसके फैसले बाध्यकारी और अंतिम हैं। (एपी)
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