यरुशलम: इजराइल गाजा पट्टी के रफह शहर पर हमला करने के लिए तैयार है और अब इस सैन्य अभियान को इजराइली नेताओं की तरफ से भी हरी झंडी मिल गई है। इजराइल की सेना ने क्षेत्र में हमास के ठिकानों पर हमले शुरू भी कर दिए हैं। इजराइल की तरफ से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब हमास की ओर से यह घोषणा की गई है कि उसने मिस्र और कतर के संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
इजराइल का रुख
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि यह प्रस्ताव "इजराइल की आवश्यक मांगों से बहुत दूर" था, लेकिन फिर भी वह संघर्ष विराम समझौते पर बातचीत जारी रखने के लिए वार्ताकारों को भेजेगा। हमास ने सोमवार को घोषणा की थी कि उसने मिस्र और कतर के संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन इजराइल ने कहा कि वह प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। ऐसे में अभी तक यह साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि गाजा में सात महीने से चल रहे युद्ध को रोकने के लिए कोई समझौता हुआ है या नहीं।
जारी रहेगा सैन्य अभियान
इजराइली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि इजराइल का सैन्य अभियान जारी रहेगा। इतना ही नहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हमास का प्रस्ताव इजराइल की रूपरेखा के अनुरूप नहीं है। इस बीच इजराइल ने लगभग 1,00,000 फलस्तीनियों को दक्षिणी गाजा शहर रफह को खाली करने का आदेश दिया है। इजराइल के इस कदम से संकेत साफ हैं कि रफह पर जल्द ही जमीनी हमला हो सकता है।
सहयोगी देश कर रहे हैं विरोध
बता दें कि, रफह शहर में लगभग 14 लाख फलस्तीनी शरण लिए हुए हैं, जो गाजा की आधी से अधिक आबादी के बराबर है। हमास की घोषणा के बाद रफह में फलस्तीनी खुशी से झूम उठे थे, उन्हें इससे हमला टलने की उम्मीद थी। अमेरिका और इजराइल के अन्य प्रमुख सहयोगी देश भी रफह पर हमले का विरोध कर रहे हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी हमास की प्रतिक्रिया की समीक्षा कर रहे हैं और क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं। (भाषा)
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