दुनिया के कई देश तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था के कारण मंदी से जूझ रहे हैं। जिसके कारण उनकी मुद्रा बुरी तरह लुढ़क रही है। ऐसे ही देशों में ईरान का नाम भी शामिल है। जहां एक डॉलर की कीमत 41,400 ईरानी रियाल तक पहुंच गई है। हालात कितने बिगड़ गए हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि राजधानी तेहरान के व्यापारी रियाल को डॉलर के मुकाबले 3.86 लाख रियाल तक में एक्सचेंज कर रहे हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 11 दिसंबर को व्यापारी 3.70 लाख रियाल पर एक डॉलर को एक्सचेंज कर रहे थे। वहीं 8 दिसंबर को एक डॉलर को 3.68 लाख रियाल में एक्सचेंज किया गया। ईरान अमेरिका की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से इन दिक्कतों का सामना कर रहा है। अमेरिका 2015 में हुए परमाणु समझौते से 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद बाहर निकल गया था। इसके बाद ईरान पर प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया गया। 2018 में ईरानी रियाल एक डॉलर के मुकाबले 65 हजार पर कारोबार कर रहा था और 2015 में 32,000 पर कारोबार कर रहा था।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने बताया कारण
इस मामले में ईरान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अली सालेहाबादी ने कुछ हद तक सरकार विरोधी प्रदर्शनों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों और अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से पिछले 2 महीनों में ईरानी मुद्रा काफी गिर गई है। इसकी कीमत उठाने के लिए बाजार में डॉलर लाया जा रहा है।
रियाल में 20 फीसदी की गिरावाट दर्ज की गई
सरकार विरोध प्रदर्शनों के बाद से ईरानी रियाल में 20 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है। यहां ठीक से हिजाब नहीं पहनने के चलते एक कुर्द महिला महसा अमीनी को 13 सितंबर को मोरैलिटी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद देश भर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इन प्रदर्शनों में अभी तक 495 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 68 नाबालिग हैं। वहीं 18 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जान गंवाने वालों में 62 सुरक्षा बल भी शामिल हैं।